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भविष्य की नींव हुई मजबूत, जल्द बदलेगी तस्वीर

जागरण संवाददाता सोनीपत भाजपा सरकार के कार्यकाल के सात साल में जिले में भविष्य की नींव मजब

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 Oct 2021 08:44 PM (IST)Updated: Tue, 26 Oct 2021 08:44 PM (IST)
भविष्य की नींव हुई मजबूत, जल्द बदलेगी तस्वीर
भविष्य की नींव हुई मजबूत, जल्द बदलेगी तस्वीर

जागरण संवाददाता, सोनीपत : भाजपा सरकार के कार्यकाल के सात साल में जिले में भविष्य की नींव मजबूत हुई है। जिले में 200 करोड़ रुपये की लागत से मुरथल में प्रदेश का पहला सालिड वेस्ट मैनेजमेंट एवं एनर्जी प्लांट चालू हो चुका है। प्लांट कूड़े से विद्युत उत्पादन की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। संयंत्र की क्षमता अभी 650 टन प्रतिदिन व नौ मेगावाट प्रति घंटा विद्युत उत्पादन की है। वहीं, दूसरी ओर रेल कोच फैक्ट्री का निर्माण भी अंतिम चरण में है और गन्नौर में ही बनने वाला कंटेनर डिपो का निर्माण भी पूर्ण होने वाला है।

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प्रोजेक्ट जो साबित होंगे माइल स्टोन

सालिड वेस्ट मैनेजमेंट एवं एनर्जी प्लांट : प्लांट से लोगों को गंदगी से निजात मिलेगी। प्लांट में बिजली उत्पादन के साथ कचरे से खाद का निर्माण भी किया जाएगा, जिससे किसानों को फायदा मिलेगा। साढ़े 18 एकड़ जमीन में बने इस प्लांट से सोनीपत, गन्नौर, गोहाना, समालखा, राई एवं मुरथल के साथ-साथ पानीपत के कचरे का भी निस्तारण होगा। यहां रोजाना 650 टन कचरे से नौ मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाएगा। इस नौ मेगावाट बिजली से मुरथल सहित क्षेत्र के 20 गांवों को 24 घंटे रोशन किया जा सकता है।

रेल कोच फैक्टरी : एचएसआइआइडीसी बड़ी में निर्माणाधीन रेल कोच नवनिर्माण फैक्ट्री लाकडाउन के चलते तय समय में पूरा नहीं हो पाया है। उम्मीद है कि आने वाले साल में फैक्ट्री में रेल कोच का नवीनीकरण शुरू हो जाएगा। प्लांट में मशीन स्थापित करने का काम चल रहा है। फैक्ट्री में ट्रेन के डिब्बों की सजावट और नवीकरण संबंधित काम होंगे। फैक्ट्री से सालाना करीब 700 रेल कोच के नवीनीकरण होगा। 172 एकड़ में बनने वाली फैक्ट्री पर करीब 500 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।

कंटेनर डिपो : कंटेनर कारपोरेशन आफ इंडिया (कानकोर) द्वारा बड़ी में 67 एकड़ जमीन पर डिपो बनाया गया है। यहां से मालवाहक ट्रेनों के द्वारा इंडस्ट्रीज से सामान को देश और विश्व के किसी भी कोने में आसानी से लाया व भेजा जा सकता है। करीब 450 करोड़ रुपए खर्च कर इस डिपो का निर्माण किया है, जो क्षेत्र में आर्थिक समृद्धि के नए आयाम स्थापित करेगा।

अंतरराष्ट्रीय बागवानी मंडी : गन्नौर में बनने वाली अंतरराष्ट्रीय बागवानी मंडी की टेंडर प्रक्रिया भी पूरी नहीं हो पाई है। जीटी रोड के साथ 537 एकड़ में बनने वाली अंतरराष्ट्रीय फल, फूल एवं बागवानी मार्केट एशिया की सबसे बड़ी मार्केट होगी। इसके निर्माण पर तीन हजार करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान है। हरियाणा इंटरनेशनल हार्टिकल्चर मार्केटिग कार्पोरेशन लिमिटेड की ओर से बागवानी मार्केट में सीवर, पेयजल, बरसाती पानी की निकासी और सड़कों का निर्माण कार्य किया जा चुका है, जिस पर अभी तक करीब 30 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। प्रोजेक्ट की धीमी गति विकास में अवरोधक की तरह है।

डेयरी शिफ्टिंग और पार्किग : शहर के लिए सबसे जरूरी प्रोजेक्ट डेयरी शिफ्टिग योजना भी सिरे नहीं चढ़ पाई है। शहर के देवडू रोड और हरसाना के पास जमीन चिह्नित है, लेकिन जमीन के भाव पर बात न बनने के कारण योजना सिरे नहीं चढ़ पाई है। वहीं, शहर के लिए सिरदर्द बन चुकी पार्किग का प्रोजेक्ट भी समय के साथ ठंडे बस्ते में चला गया। मसद मोहल्ले के पास बनने वाली मल्टीलेवल पार्किग के लिए जमीन चिह्नित होने के बावजूद पार्किग बनाने को लेकर कोई प्रयास नहीं हुआ।

वर्जन

कांग्रेस की सरकार ने पिछले 60 सालों में जो व्यवस्था बिगाड़ी थी, इसे भाजपा सरकार ने सात सालों में दुरुस्त करने का काम किया है। विकास कार्यो में होने वाले भेदभाव को सरकार ने समाप्त कर पूरे क्षेत्र का एकसमान विकास कराया है। सोनीपत में भी रेल कोच नवीनीकरण फैक्ट्री, कंटेनर डिपो का काम अंतिम चरण में है। क्षेत्र के विकास में ये मील का पत्थर साबित होंगे। इसी तरह खरखौदा में मारुति कंपनी का भी प्लांट लगाने पर बातचीत चल रही है। क्षेत्र के विकास को ये सारी चीजें नया आयाम देंगी।

-राजीव जैन, वरिष्ठ भाजपा नेता व मुख्यमंत्री के पूर्व मीडिया सलाहकार पिछले सात सालों में भाजपा की सरकार ने प्रदेश के हर वर्ग को सड़कों पर ला दिया है। आज किसान, मजदूर, व्यापारी, कर्मचारी हर वर्ग सरकार से दुखी होकर आंदोलन की राह पर है। सरकार ने आम आदमी की कमर तोड़ने का काम किया है और समाज में अमीरी-गरीबी खाई बढ़ी है। विकास के नाम पर सरकार ने केवल दिखावा किया है। धरातल पर कहीं भी सरकार के विकास कार्य नहीं दिखते हैं। झूठे सपने दिखाने के अलावा सरकार ने कोई काम नहीं किया है।

कृष्ण मलिक, जिला अध्यक्ष, इनेलो सात साल में तो सरकार और विकास में 36 का आंकड़ा ही दिखा है। पिछले दो वर्ष में हलके के विकास के लिए सरकार ने करीब दो करोड़ रुपये दिए हैं, यह ऊंट के मुंह में जीरा के ही समान है। पूर्व की कांग्रेस सरकार में तो दो करोड़ रुपये के करीब-करीब सभी गांव में खर्च किए गए थे। सरकार विकास कार्यो में कोताही और भेदभाव बरत रही है। आने वाले वर्षो में विधानसभा में इस बात को पुरजोर तरीके से उठाकर हर गांव के विकास कार्यो की सूची सरकार को सौंपकर वहां प्राथमिकता के आधार पर काम करना ही लक्ष्य है।

-जयवीर सिंह, विधायक, खरखौदा

बरोदा हलका में इंडस्ट्रियल स्टेट बनाने, बुटाना शिक्षण संस्थान को विश्वविद्यालय बनाने और राइस मिल लगाने की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार की घोषणा पर आज तक कोई अमल नहीं हुआ। सरकार ने इन घोषणाएं के आधार पर लोगों से उपचुनाव में वोट मांगे थे। मुख्यमंत्री की घोषणाओं पर काम नहीं हो रहा है। यह केवल घोषणाओं की सरकार है। आने वाले समय में क्षेत्र के विकास के साथ हुए भेदभाव को उजागर कर जनता के साथ मिलकर संघर्ष किया जाएगा।

-इंदु राज नरवाल, विधायक, बरोदा


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