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शहीद पुलिसकर्मियों के नाम पर होंगे पार्क और सड़कों के नाम

सुरक्षा और कानून व्यवस्था के दौरान अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए शहीद पुलिसकर्मियों की स्मृति में बुधवार को शहीद दिवस मनाया गया। पुलिस लाइन में आयोजित सम्मान समारोह में शहीद पुलिसकर्मियों की स्मृति में एक सप्ताह तक कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया गया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 04:30 PM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 04:41 PM (IST)
शहीद पुलिसकर्मियों के नाम पर होंगे पार्क और सड़कों के  नाम
शहीद पुलिसकर्मियों के नाम पर होंगे पार्क और सड़कों के नाम

जागरण संवाददाता, सोनीपत: सुरक्षा और कानून व्यवस्था के दौरान अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए शहीद पुलिसकर्मियों की स्मृति में बुधवार को शहीद दिवस मनाया गया। पुलिस लाइन में आयोजित सम्मान समारोह में शहीद पुलिसकर्मियों की स्मृति में एक सप्ताह तक कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया गया। आयोजन में पुलिस के सभी अधिकारी व शहीद पुलिसकर्मियों के परिवारों के लोग शामिल रहे। एसपी ने कहा कि शहीद पुलिसकर्मियों के नाम पर पार्क व सड़कों के नाम रखे जाएंगे।

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पुलिस अधीक्षक जशनदीप सिंह रंधावा के नेतृत्व में पुलिस अधिकारियों ने पुलिस के शहीद जवानों को याद किया। उन्होंने बताया कि एक सितंबर 2019 से 31 अगस्त 2020 के बीच अर्धसैनिक पुलिस संगठनों और पुलिस बलों के कुल 264 अधिकारियों व पुलिसकर्मियों ने कर्तव्यपालन के दौरान अपने प्राणों की आहुति दी है। अब तक सोनीपत के 7 पुलिसकर्मी शहीद हुए हैं। आयोजन में एएसपी निकिता खट्टर, एएसपी उदय सिंह, एएसपी गौरव राजपूत, डीएसपी डा. रवींद्र कुमार, डीएसपी मुख्यालय वीरेंद्र सिंह, पुलिस इंस्पेक्टर पूनम हुड्डा व पुलिस प्रवक्ता जगजीत सिंह मौजूद रहे।

यह होंगे आयोजन -

- शहीदों के नाम पर रास्तों, पार्कों का नामकरण किया जाएगा।

- जिन विद्यालयों में शहीद पुलिसकर्मियों ने शिक्षा प्राप्त की थी, वहां पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

- एक दिन की प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा, यह बृहस्पतिवार को लगेगी।

- शहीदों के परिवार के लोगों को उनके निवास वाले शहर-कस्बे या गांव में समारोह आयोजित कर सम्मानित किया जाएगा।

- शहीद पुलिसकर्मियों के बच्चों को सम्मानित किया जाएगा। सोनीपत में पुलिस के 07 जवान हुए शहीद

1- सिपाही अशोक कुमार उत्तर प्रदेश के जिला सुल्तानपुर के निवासी थे। 06 नवंबर 1999 को कच्चे क्वार्टर की दुकानों में आग लगी थी। वहां पर राहत कार्य के दौरान लोगों को आगे से बाहर निकालते समय ये शहीद हो गए थे।

2. सिपाही शेरसिंह झज्जर जिले के निवासी थे। 30 मार्च 2000 को गांव महलाना के पास ड्यूटी करते हुए मुठभेड़ में इनको बदमाशों की गोली लगी थी, जिससे मौके पर ही वीरगति को प्राप्त हो गए।

3. सिपाही रणधीर सिंह जिला पानीपत के रहने वाले थे। ये 20 अप्रैल 2005 को गोहाना क्षेत्र में गांव कथूरा के पास गश्त कर रहे थे। वहां पर मुठभेड़ में इनको बदमाशों की गोली लगी, जिससे ये शहीद हो गए।

4. सिपाही रामकिशन सिंह जिला रोहतक के रहने वाले थे। ये 20 अप्रैल 2005 को गोहाना क्षेत्र के गांव कथूरा के पास गश्त कर रहे थे। वहां पर बदमाशों से हुई मुठभेड़ में गोली लगने से ये शहीद हो गए थे।

5. सिपाही प्रदीप कुमार जिला रोहतक के रहने वाले थे। 21 अगस्त 2015 को ये गोहाना क्षेत्र में सराय नामदार खां चौक के पास ड्यूटी कर रहे थे। बदमाशों से हुई मुठभेड़ में ये गोली लगने से शहीद हो गए थे।

6. सिपाही रविद्र कुमार जींद जिले के रहने वाले थे। ये 30 जून 2020 को गोहाना क्षेत्र की बुटाना चौकी के पास गश्त पर थे। वहीं पर बदमाशों से हुई मुठभेड़ में चाकू लगने से ये शहीद हो गए थे।

7. एसपीओ कप्तान सिंह जींद जिले के निवासी थे। ये 30 जून 2020 को गोहाना क्षेत्र की बुटाना चौकी के पास गश्त पर थे। वहीं पर बदमाशों से हुई मुठभेड़ में चाकू लगने से ये शहीद हो गए थे।


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