निजी स्कूलों में नहीं हुई पढ़ाई, सरकार पर अनदेखी का आरोप
प्रदेश सरकार पर अनदेखी का आरोप लगा सोमवार को जिलेभर के निजी स्कूल संचालक वर्क सस्पेंड पर रहे। संचालकों ने स्कूलों को पूरी तरह से बंद रखा।
जागरण संवाददाता, सोनीपत : प्रदेश सरकार पर अनदेखी का आरोप लगा सोमवार को जिलेभर के निजी स्कूल संचालक वर्क सस्पेंड पर रहे। संचालकों ने स्कूलों को पूरी तरह से बंद रखा। इस दौरान न स्कूलों में आफलाइन कक्षाएं लगाईं और न विद्यार्थियों की आफलाइन पढ़ाई कराई गई। उन्होंने राजस्थान के शिक्षा मंत्री पर भी पढ़ाई को व्यवसाय कहने का आरोप लगा उनके खिलाफ रोष जताया। साथ ही सरकार से उनकी मांगों को लागू करने की मांग की।
हरियाणा संयुक्त अध्यापक संघ के राज्य के वरिष्ठ उपप्रधान एवं जिला प्रधान अजमेर सिंह ने बताया कि कोरोना के चलते मार्च के बाद स्कूल पूरी तरह से नहीं खुले हैं। स्कूलों को खोलने के सरकार के दिशा-निर्देशों की वजह से अभिभावकों में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। इस कारण जो अभिभावक फीस भरने में सक्षम हैं, वे भी बच्चों की फीस नहीं भर रहे हैं। इससे स्कूल संचालक स्टाफ का वेतन देने के अलावा बिल्डिंग के लोन की किस्त व बसों की किस्त भी जमा नहीं करा पा रहे हैं। इनकी पूर्ति करने के लिए वे सरकार से आर्थिक सहायता देने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार न तो स्कूलों को खोल रही है और न ही आर्थिक सहायता दे रही है। दूसरी तरफ, राजस्थान के शिक्षामंत्री शिक्षा को व्यवसाय बता रहे हैं। इससे स्कूल संचालकों में काफी विरोध है। उन्होंने राजस्थान के स्कूलों के समर्थन और अपनी मांगों को लेकर सोमवार को वर्क सस्पेंड किया। उन्होंने सरकार से पुन: स्कूल बसों का पैसेंजर टैक्स, स्कूलों का प्रापर्टी टैक्स माफ करने के साथ ही आर्थिक पैकेज देने की मांग की। वर्क सस्पेंड में इंडिपेंडेंट स्कूल सेवियर एसोसिएशन की कार्यकारिणी कमेटी के सदस्य एमएस साहनी, आशीष आर्य, अनिरुद्ध सचदेवा, रवि गुगनानी, अंशुल पठानिया, गुरुशरण सिंह ग्रेवाल, रवि विर्क, मनसीमार सिंह, विक्रम चौधरी, आदित्य बंसल, कुलदीप दीवान, अविनाश बंसल, सन्नी दीप जुनेजा ने पूर्ण सहयोग किया।