Move to Jagran APP

सिपाही के हाथ पर लिखे नंबर से कार व हत्यारों तक पहुंची पुलिस

जांबाज सिपाही रविद्र ने समझदारी दिखाते हुए सुनसान जगह पर खड़ी कार का नंबर अपने हाथ पर लिख लिया था। पोस्टमार्टम के दौरान जब चिकित्सकों को हाथ पर लिखा नंबर नजर आया तो पुलिस ने तत्काल उसके आधार पर कार्रवाई शुरू की।

By JagranEdited By: Published: Wed, 01 Jul 2020 06:52 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2020 06:52 PM (IST)
सिपाही के हाथ पर लिखे नंबर से कार व हत्यारों तक पहुंची पुलिस
सिपाही के हाथ पर लिखे नंबर से कार व हत्यारों तक पहुंची पुलिस

जागरण संवाददता, गोहाना : जांबाज सिपाही रविद्र ने समझदारी दिखाते हुए सुनसान जगह पर खड़ी कार का नंबर अपने हाथ पर लिख लिया था। पोस्टमार्टम के दौरान जब चिकित्सकों को हाथ पर लिखा नंबर नजर आया तो पुलिस ने तत्काल उसके आधार पर कार्रवाई शुरू की। पुलिस नंबर के आधार पर कार के मालिक गुरमीत तक पहुंची तो पता चला कि उसने अपनी कार संदीप को बेच दी थी। इसके बाद पुलिस आरोपित संदीप तक पहुंच गई और उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने कार को भी बरामद कर लिया है।

loksabha election banner

एसपीओ व सिपाही की हत्या के बाद से ही पुलिस की विभिन्न शाखाएं सक्रिय होकर आरोपितों का पता लगाने की कोशिश में जुट गई थीं। पोस्टमार्टम के दौरान सिपाही रविद्र के हाथ पर पेन से एचआर-56बी 8192 नंबर लिखा नजर आया। यह अहम सुराग था। पुलिस ने कार का नंबर मिलते ही रिकॉर्ड खंगाला तो इस नंबर पर एक ग्रांड आइ-10 कार का मिला, जो जींद निवासी गुरमीत के नाम पर पंजीकृत थी। पुलिस गुरमीत के घर तक पहुंची तो पता चला कि उन्होंने कुछ समय पहले ही यह कार संदीप को बेच दी थी, लेकिन अभी तक कागजात ट्रांसफर नहीं कराए थे। उससे पता लेकर पुलिस संदीप व उसके साथी अमित व विकास तक जा पहुंची, जहां मुठभेड़ के दौरान अमित मारा गया जबकि संदीप को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था और विकास भागने में कामयाब हो गया। इसके अलावा साइबर सेल की मदद से रात को उस क्षेत्र में एक्टिव मोबाइल नंबर की जांच-पड़ताल से स्पष्ट हुआ था कि उस क्षेत्र में संदीप, अमित व उसके साथियों के मोबाइल नंबर एक्टिव थे। यही नहीं क्षेत्र कुछ सीसीटीवी फुटेज में भी यह कार नजर आने की बात कही जा रही है। बरोदा थाना के एसएचओ बदन सिंह ने कहा कि इस तरह के मामलों में विभाग की सभी टीमें मिल कर काम करती हैं। पुलिस पहले से ही वैज्ञानिक तरीके मामले की जांच कर रही थी। रविद्र के हाथ पर मिला कार का नंबर भी इसमें काफी मददगार साबित हुआ।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.