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पशुओं के चारे और रखरखाव को बैंकों से लें धनराशि

किसानों को प्रति गाय 40 और प्रति भैंस 60 हजार रुपये का ऋण बैंक मात्र चार प्रतिशत सालाना की दर से दे रहे हैं। जिले में अभी तक 3756 किसानों ने अपने पशुओं के लिए पीकेसीसी तैयार करा लिए हैं। सोमवार को उपायुक्त इसकी समीक्षा करेंगे।

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 Sep 2020 05:12 PM (IST)Updated: Sun, 20 Sep 2020 05:12 PM (IST)
पशुओं के चारे और रखरखाव को बैंकों से लें धनराशि

जागरण संवाददाता, सोनीपत: पशुओं के चारे और रखरखाव के लिए अब बैंक किसानों को सीधे धनराशि का भुगतान कर रहे हैं। गाय-भैंस के स्वास्थ्य प्रमाण पत्र व बीमा को देखकर ही पीकेसीसी (पशुपालन किसान क्रेडिट कार्ड) प्रदान किया जा रहा है। इसके लिए बैंकों की ओर से कैंपों का आयोजन किया जा रहा है। किसानों को प्रति गाय 40 और प्रति भैंस 60 हजार रुपये का ऋण बैंक मात्र चार प्रतिशत सालाना की दर से दे रहे हैं। जिले में अभी तक 3756 किसानों ने अपने पशुओं के लिए पीकेसीसी तैयार करा लिए हैं। सोमवार को उपायुक्त इसकी समीक्षा करेंगे।

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पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था न होने या उनकी देखभाल के लिए श्रमिक न होने से पशुपालकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। वे साहूकारों और आढ़तियों से कर्ज लेते थे। इसके लिए भारी दर पर ब्याज की अदायगी करनी पड़ती थी। ऐसे में कई पशुपालकों के अच्छी नस्ल के पशु सस्ते मूल्य पर बिक जाते थे। सरकार ने जुलाई से इसके लिए नई योजना शुरू की थी। इसके तहत फसलों के केसीसी की तर्ज पर अब पशुओं के लिए भी पीकेसीसी बनाए जा रहे हैं।

पीकेसीसी में प्रति गाय 40 हजार और प्रति भैंस 60 हजार रुपये किसानों को मिलेंगे। ये रुपये किसानों की जरूरत के हिसाब से हर महीने 10 हजार रुपये की किस्तों में प्रदान किए जाएंगे। बैंक इस पर सात प्रतिशत सालाना की दर से ब्याज लेते हैं, जिसमें से तीन प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है। ऐसे में किसानों को केवल चार प्रतिशत पर ही ऋण मिल जाता है। यह सुविधा जिले के सभी बैंक प्रदान कर रहे हैं। इसके लिए बैंकों की ओर से कैंपों का आयोजन किया जाएगा। सोमवार को उपायुक्त इस योजना की समीक्षा करेंगे। अभी तक जिले के 3756 पशुपालकों को पीकेसीसी प्रदान किए जा चुके हैं। इनके लिए कुल 40.25 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। इनमें से 2143 पशुपालक बरोदा हलका क्षेत्र के हैं।

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बैंकों की ओर से किसानों को पीकेसीसी प्रदान किए जा रहे हैं। इस योजना में पशुओं के चारा-रातब और रखरखाव के लिए धनराशि प्रदान की जाती है। किसानों को पशुओं का स्वास्थ्य प्रमाण पत्र और पशु बीमा ही उपलब्ध कराना है। बैंकों को ज्यादा औपचारिकता की जरूरत नहीं है।

- तुलाराम, लीड बैंक मैनेजर- सोनीपत


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