ऑड- इवेन फॉर्मूले से खुलें 9वीं से 12वीं तक के स्कूल
कोरोना संक्रमण के बीच जिले में पहले चरण में 9वीं से 12वीं तक स्कूलों को खोला जाए। बच्चों को कक्षाओं में बैठाने पर भी ऑड-इवेन का फॉर्मूला लागू हो ताकि संक्रमण फैलने का खतरा न बढ़ें।
जागरण संवाददाता, सोनीपत: कोरोना संक्रमण के बीच जिले में पहले चरण में 9वीं से 12वीं तक स्कूलों को खोला जाए। बच्चों को कक्षाओं में बैठाने पर भी ऑड-इवेन का फॉर्मूला लागू हो, ताकि संक्रमण फैलने का खतरा न बढ़ें। इसके अलावा कोरोना संक्रमण मिलने पर स्कूलों को जिम्मेदार न माना जाए। इसकी सावधानी को लेकर सभी पर नियम लागू हो। शनिवार को यह सुझाव मॉडल टाउन स्थित जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय परिसर में आयोजित बैठक में निजी स्कूल संचालकों ने दिए। बैठक में शिक्षा अधिकारियों के अलावा बीईओ, राजकीय स्कूलों के प्राचार्यों और अभिभावक भी शामिल रहे। इस पर जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) ने कहा कि सभी के सुझाव की एक रिपोर्ट मुख्यालय भेजी जाएगी। इसके बाद मुख्यालय के निर्देशानुसार स्कूलों को खोला जाएगा।
प्रदेश सरकार ने जुलाई से स्कूलों को तीन चरणों में खोलने की बात कही है। इसके लिए जिला मुख्यालयों से अधिकारियों के माध्यम से निजी स्कूल संचालकों, राजकीय स्कूलों के प्राचार्यों, अभिभावकों के सुझावों की एक रिपोर्ट मांगी है। इसी के तहत शनिवार को जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में एक बैठक बुलाई गई। बैठक की अध्यक्षता डीईओ जोगेंद्र सिंह ने की। उनके साथ जिले के सभी खंडों के शिक्षा अधिकारी, हरियाणा प्रोग्रेसिव स्कूल कांफ्रेंस और हरियाणा यूनाइटेड और हरियाणा यूनाइटेड स्कूल एसोसिएशन सोनीपत के बैनर तले निजी स्कूलों के संचालकों, राजकीय स्कूलों के प्राचार्यों व अभिभावक शामिल रहे। इस दौरान शिक्षा अधिकारियों ने सभी से अलग-अलग सुझाव मांगे, जिनमें अधिकतर ने नौवीं से 12वीं तक के स्कूलों को ऑड-इवेन फॉमूले के अनुसार ही विभिन्न तरीकों से खोलने के सुझाव दिए। ये रहे मुख्य सुझाव
- पहली से आठवीं कक्षा तक जारी रहे ऑनलाइन पढ़ाई।
- 9वीं से 12वीं तक के स्कूल खुलें, उनमें भी ऑड-इवेन फॉर्मूला लागू हो।
- पहले दिन 9वीं और 11वीं, अगले दिन 10वीं व 12वीं के बच्चों को बुलाया जाए।
- हर कक्षा में केवल 22 विद्यार्थियों के बैठने की अनुमति हो।
- केवल आवश्यक अनुसार पाठ्यक्रम को किया जाए लागू।
- 16 जुलाई, 1 अगस्त या परिस्थिति अनुसार स्कूलों को खोलने की तारीख तय हो।
- दो सत्रों में न कक्षाएं न लगाई जाएं, एक ही शिफ्ट का सुझाव।
- बसों से लेकर स्कूल के प्रवेश पर सभी की थर्मल स्कैनिग की जाए।
- आरोग्य सेतु एप हो सभी अभिभावकों के लिए जरूरी।
- सभी के लिए मास्क, सैनिटाइजर, दस्ताने व अन्य सावधानी हों सुनिश्चित।
- 134-ए के तहत आने वाले सभी अभिभावकों पर भी हों यही नियम लागू।
- हर रोज स्कूलों को सैनिटाइज कराने की सुविधा मुहैया कराए विभाग।
- कैंटीन रहे बंद, बच्चे घर से लाएं खाना और एक-दूसरे से खाना शेयर न करें।
- निजी स्कूलों की बसों को किसी भी अन्य कार्य में शामिल न करें प्रशासन ।
- कोरोना पॉजिटिव मिलने पर स्कूल न हो जिम्मेदार।
- स्कूलों में बेहतर मेडिकल सुविधा उपलब्ध हो।
- ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों के लिए ग्राम पंचायतों का लिया जाए सहारा। स्कूलों को खोलने के लिए अधिकारियों से लेकर निजी स्कूल संचालकों, राजकीय स्कूलों के प्राचार्यों व अभिभावकों की बैठक बुलाई गई थी। इसमें स्कूलों को खोलने में सभी के सुझाव लिए गए हैं। अधिकतर ने 9वीं से 12वीं कक्षा के बच्चों को पहले चरण में बुलाने और कक्षा अनुसार 22 विद्यार्थी बैठाने समेत अन्य सुझाव आए हैं। इन सुझावों को मुख्यालय भेजा जाएगा। वहां से जो दिशा-निर्देश मिलेंगे, उन्हीं के अनुसार स्कूल खोले जाएंगे। स्कूलों में सैनिटाइजर के लिए कुछ बजट मिला है। आवश्यकता अनुसार अन्य कदम उठाए जाएंगे।
- जोगेंद्र सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी, सोनीपत।