जिले में नहीं ब्रेन ट्यूमर के इलाज की सुविधा
स्वास्थ्य को लेकर प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन की ओर से बेहतर दावे करने वाले सोनीपत जिले में ब्रेन ट्यूमर के इलाज की कोई सुविधा नहीं है।
भूपेंद्र धुरान, सोनीपत
स्वास्थ्य को लेकर प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन की ओर से बेहतर दावे करने वाले सोनीपत जिले में ब्रेन ट्यूमर के इलाज की कोई सुविधा नहीं है। इस बीमारी के मरीजों को रोहतक, चंडीगढ़ पीजीआइ से लेकर राष्ट्रीय राजधानी तक चक्कर काटने को मजबूर होना पड़ रहा है। जिला स्वास्थ्य विभाग ट्यूमर के मरीज के सामने आने पर उसे इलाज के लिए पीजीआइ या दिल्ली के अस्पतालों में तो भेज देता है, लेकिन यहां उनका इलाज शुरू कराना तो दूर की बात प्रबंधन के पास मरीजों का रिकॉर्ड तक नहीं है। इससे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
मस्तिष्क में कोशिकाओं के असामान्य रूप से बढ़ने पर जो गांठ बन जाती है, उसे ही ब्रेन ट्यूमर कहते हैं। इसमें मस्तिष्क के खास हिस्से में कोशिकाओं का गुच्छा बन जाता है। यह कई बार कैंसर की गांठ में तब्दील हो जाता है। जिला सोनीपत में अब तक इस बीमारी का इलाज शुरू नहीं हुआ है। यहां ब्रेन ट्यूमर के मरीज तो सामने आते हैं, लेकिन उन्हें जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से रोहतक या चंडीगढ़ पीजीआइ और दिल्ली के राजकीय अस्पतालों में भेज दिया जाता है। इन मरीजों का जिला अधिकारियों के पास कोई रिकॉर्ड भी नहीं है। ऐसे में मरीजों को इलाज के लिए रोहतक से लेकर चंडीगढ़ और दिल्ली के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। निजी अस्पतालों में भी नहीं इलाज की कोई सुविधा
जिले में कई बड़े निजी अस्पताल स्थापित हैं। इन अस्पतालों में सामान्य से लेकर हार्ट अटैक समेत अन्य बीमारियों के इलाज की सुविधा है, लेकिन यहां अभी तक ब्रेन ट्यूमर का इलाज शुरू नहीं हुआ है। ऐसे में अगर किसी मरीज को आपात स्थिति होती है तो उनके परिजन उन्हें स्थानीय अस्पतालों में इलाज की सुविधा न होने के कारण सीधा रोहतक पीजीआइ लेकर पहुंचते हैं। वहां से भी मरीजों को कई बार चंडीगढ़ पीजीआइ या दिल्ली रेफर कर दिया जाता है। इसके बाद मरीज के साथ उनके परिजन भी लगातार इलाज के लिए वहां भटकते रहते हैं। कई बार तो मरीज की रास्तें में ही मौत हो जाती है। ब्रेन ट्यूमर का जिले में कहीं इलाज शुरू नहीं हुआ है। अगर कोई मरीज आता है तो उसे रोहतक व चंडीगढ़ पीजीआइ या फिर नजदीक होने के कारण दिल्ली भेज दिया जाता है। इन मरीजों का रिकॉर्ड भी संबंधित अस्पताल ही रखते हैं।
- डॉ. तरुण यादव, जिला नोडल अधिकारी, गैर संचालित रोग, सोनीपत।