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राजू बसौदी और मोनू लल्हेड़ी को बैरक में दिया गया खाना

जिला कारागार में कुख्यात राजू बसौदी और मोनू लल्हेड़ी गैंग के सदस्यों के बीच मारपीट के बाद अधिकारियों ने निगरानी कड़ी कर दी है। दोनों गैंग के लीडर को बैरक में ही कैद कर दिया गया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 29 May 2020 08:44 PM (IST)Updated: Sat, 30 May 2020 06:17 AM (IST)
राजू बसौदी और मोनू लल्हेड़ी को बैरक में दिया गया खाना
राजू बसौदी और मोनू लल्हेड़ी को बैरक में दिया गया खाना

जागरण संवाददाता, सोनीपत: जिला कारागार में कुख्यात राजू बसौदी और मोनू लल्हेड़ी गैंग के सदस्यों के बीच मारपीट के बाद अधिकारियों ने निगरानी कड़ी कर दी है। दोनों गैंग के लीडर को बैरक में ही कैद कर दिया गया है। इनको खाना भी बैरकों के अंदर ही दिया जाएगा। इनके गुर्गों को अलग-अलग बैरक में शिफ्ट किया गया है, जिससे लामबंदी न हो सके। दोनों गैंग लीडर पर तीन महीने तक निगरानी रखी जाएगी।

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जिला कारागार में राजू बसौदी और मोनू लल्हेड़ी के गिरोह में वर्चस्व की जंग शुरू होने से सुरक्षा को खतरा हो गया है। एक ओर जहां इन दोनों गैंग के गुर्गे आमने-सामने आ गए हैं, वहीं अन्य बंदी भयभीत हैं। जेल में बंद अन्य गैंग के सदस्यों को भी इन्होंने अपने-अपने पक्ष में मिलाने की लामबंदी शुरू कर दी है। हालत यह है कि इन गैंग लीडर ने बंदियों को अपने-अपने पक्ष में करने की तैयारी शुरू कर दी है। जेल के सुरक्षाकर्मियों पर भी इनकी मनमानी भारी पड़ रही है। जिला कारागार के अधिकारियों ने आरंभ में इनको समझाकर पटरी पर लाने का प्रयास किया, लेकिन मारपीट के बाद से कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।

राजू बसौदी और मोनू लल्हेड़ी के बैरक से बाहर निकलने पर रोक लगा दी गई है। अब इनको खाना भी बैरकों के अंदर ही दिया जाएगा। इनसे किसी के भी मिलने पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। जेल में इन गैंग के ज्यादातर गुर्गें कुछ खास बैरक में इकट्ठा रह रहे थे। शुक्रवार को उनको अलग-अलग बैरक में शिफ्ट कर दिया गया। जेल अधीक्षक ने इनपर तीन महीने तक कड़ी निगरानी रखने के आदेश दिए हैं। एक महीने तक इनकी रोजाना की रिपोर्ट अधिकारियों को दी जाएगी। जेल में झगड़ा करने के बाद हमने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। दोनों गैंग के गुर्गों को अलग-अलग रखा जा रहा है। गैंग लीडर के बाहर निकलने पर रोक है। सुरक्षा व्यवस्था से किसी हाल में समझौता नहीं किया जाएगा। जेल में किसी की मनमानी बर्दास्त नहीं की जाएगी।

- सतविदर गोदारा, जेल अधीक्षक।


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