बदहाल हुए संपर्क मार्ग, हादसों से आशंकित ग्रामीण
पिछले सप्ताह हुई बारिश के बाद से शहर के जर्जर मार्गों पर सफर करना जानलेवा हो गया है। गड्ढों में बारिश का पानी भर जाने के कारण गहराई का अंदाजा नहीं हो पा रहा।

जागरण संवाददाता, सोनीपत : पिछले सप्ताह हुई बारिश के बाद से शहर के जर्जर मार्गों पर सफर करना जानलेवा हो गया है। गड्ढों में बारिश का पानी भर जाने के कारण गहराई का अंदाजा नहीं हो पा रहा, जिसके चलते दुपहिया वाहन चालक गिरकर चोटिल हो रहे है। शहर के शहजादुपर-सांदल-ठरू और सोनीपत वाया कामी-राजपुर-गन्नौर रोड पर हालात ऐसे हैं कि वाहन चलाना खतरे से खाली नहीं है। क्षेत्र के लोग कई बार अधिकारियों को शिकायत दे चुके और जनप्रतिनिधि धरने-प्रदर्शन कर चुके हैं। बावजूद अधिकारियों का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। पुरखास रोड सहित आसपास के मार्गों की जर्जर हालत के विरोध में बुधवार को ग्रामीणों ने पीडब्ल्यूडी कार्यालय पर प्रदर्शन कर गेट पर ताला जड़ दिया। अधिकारियों के जल्द मार्गों की हालत सुधारने के आश्वासन पर ग्रामीण वापस लौटे। कामी गन्नौर रोड पर सफा हुआ कष्टदायक :
शहर को गन्नौर कस्बे से जोड़ने वाला करीब 25 किलोमीटर का मार्ग पूरी तरफ जर्जर हो चुका है। कदम-कदम पर गड्ढे हादसों का सबब बन रहे है। आए दिन दुपहिया वाहन चालक हादसों का शिकार हो रहे है। मार्ग जर्जर होने से आसपास के करीब 30 गांवों के लोग जीवन संकट में डाल कर सफर करने को मजबूर है। मार्ग की मरम्मत की मांग करने पर अधिकारी मार्ग के चौड़ीकरण की बात कह जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेते है। जबकि अब हालत ऐसे ही कि आधे घंटे का रास्ता तय करने में ही एक घंटे से ज्यादा का समय लग रहा है। एक तरफ कुआं एक तरफ खाई :
बहरा-जाखौली से पबसरा-दहिसरा होकर दिल्ली जाने वाले यमुना बांध मार्ग की हालत बेहद जर्जर है। कृषि कानून विरोधी आंदोलन के दौरान इस मार्ग से होकर दिल्ली के लिए भारी वाहन निकलवाए गए थे, जिससे मार्ग टूट गया है। एक तरफ गड्ढों में वाहन पलटने का खतरा रहता है और दूसरी तरफ दोनों ओर 20-25 फिट गहरी खाई। जरा सी चूक वाहन को खाई में गिरा सकती है। पिछले दिनों बहरा से होकर जाखौली, पबसरा और दहिसरा मार्ग पर सड़क का निर्माण कराया था। यह मार्ग यमुना किनारे बने बांध पर बनवाया गया था। इस दस किमी लंबाई के मार्ग से क्षेत्र के 40 गांवों के लोगों को सुविधा मिली थी। अब रोड जानलेवा हो चुका है। गोहाना क्षेत्र में भी हालत खराब :
गोहाना क्षेत्र में मुख्य मार्गों और लिक सड़कों की लंबाई करीब 750 किलोमीटर हैं। इनमें से आठ सड़कें महत्वपूर्ण हैं। ये सड़कें गोहाना शहर को अन्य शहरों से जोड़ती हैं। कुछ सड़कों पर गड्ढे गहरे हो जाने के कारण खतरनाक हो चुकी है। बारिश होने पर पानी गड्ढों में भरने पर वाहन चालकों को गड्ढों की गहराई का अंदाजा नहीं लगता। इसलिए सड़कों पर चलना हादसे को निमंत्रण देना है। चालकों को रात को अधिक समस्या होती है। सड़कों पर स्ट्रीट लाइट भी नहीं लगी हुई है। इससे दोपहिया वाहन गड्ढों में गिरने से घायल हो जाते हैं।
क्या कहते हैं जनप्रतिनिधि :
मुख्य सड़कों की हालत जर्जर हो चुकी हैं। सड़कें बनने के कुछ समय बाद ही टूटनी शुरू हो जाती है। सड़क टूटने पर बारिश के दिनों में समस्या अधिक बढ़ जाती है। पिछले सप्ताह की पीडब्ल्यूडी अधिकारियों को क्षेत्र के मार्गों की जर्जर हालत के बारे में अवगत कराया गया था। इससे पहले भी कई बार ज्ञापन सौंपने के साथ ही धरना-प्रदर्शन भी क्षेत्र के लोग कर चुके है, लेकिन अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे।
संजय बड़वासनी, पूर्व जिला पार्षद। पुरखास रोड की मरम्मत का एस्टीमेट बनाया गया है। जल्द ही मार्ग को दुरुस्त कर दिया जाएगा। प्राथमिकता के आधार पर मार्गों का निर्माण करवाया जा रहा है। जहां जरूरत है वहां मरम्मत करवाई जा रही है। मानसून की बारिश के बाद कई जगह मरम्मत करवाई गई थी। अब दोबारा से ऐसे रोड चिह्नित कर मरम्मत करवाई जाएगी।
पंकज गौड़, एक्सईएन, पीडब्ल्यूडी।
Edited By Jagran