कचरा निस्तारण प्लांट का 80 प्रतिशत कार्य पूरा, फरवरी में ट्रायल
नए साल में नगर निगम की ओर से शहरवासियों को बड़ी सौगात मिलने की उम्मीद जगी है। दरअसल मुरथल में बनाए जा रहे प्रदेश के पहले कचरा निस्तारण प्लांट का 80 प्रतिशत निर्माण कार्य पूर्ण होगा।
जागरण संवाददाता, सोनीपत : नए साल में नगर निगम की ओर से शहरवासियों को बड़ी सौगात मिलने की उम्मीद जगी है। दरअसल मुरथल में बनाए जा रहे प्रदेश के पहले कचरा निस्तारण प्लांट का 80 प्रतिशत निर्माण कार्य पूर्ण होगा। फरवरी से कचरा निस्तारण व कचरे से बिजली उत्पादन का ट्रायल शुरू हो जाएगा, जिससे सोनीपत के साथ ही पानीपत की कचरा निस्तारण की बड़ी समस्या से छुटकारा मिलेगा। वहीं, कचरे से बायोगैस और पांच मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। इससे आसपास के 20 गांव रोशन हो सकते हैं। फिलहाल निगम ने निर्माण कर रही कंपनी को जल्द ही बाकी का काम भी निपटाने के निर्देश दिए हैं। वहीं, नियमित तौर पर प्लांट के कार्य का आकलन भी किया जा रहा है।
मुरथल में प्रदेश का पहला कचरा निस्तारण प्लांट बनाया जा रहा है। इस प्लांट में सोनीपत व पानीपत निगम क्षेत्र के अलावा गन्नौर व समालखा नगर निकाय क्षेत्र से निकलने वाले कचरे का भी निस्तारण होगा। यह प्रतिदिन 650 टन कचरा का निस्तारण कर आठ मेगावाट विद्युत उत्पादन करेगा। योजना के मुताबिक इस प्लांट को मार्च, 2019 में ही बनकर तैयार हो जाना चाहिए था, समय पर इसका निर्माण पूरा नहीं हो पाया। फिर इसी लक्ष्य को बढ़ा कर मार्च, 2020 तक कर दिया गया। बीच में लाकडाउन लग जाने के कारण समय सीमा को बढ़ा कर दिसंबर 2020 तक कर दिया गया। कंपनी प्रतिनिधियों को बुलाकर निगम ने तेजी से कार्य करने के दिशा-निर्देश दिए थे, जिसके बाद कार्य ने रफ्तार पकड़ी। कचरे से बनेगी बिजली, 20 गांव होंगे रोशन:
कूड़ा निस्तारण केंद्र में सोनीपत के अलावा पानीपत जिले के प्रतिदिन करीब 650 टन कचरे से विद्युत उत्पादन किया जाएगा। संयंत्र आठ मेगावाट बिजली का उत्पादन करेगा। इस आठ मेगावाट बिजली से मुरथल सहित क्षेत्र के 20 गांवों को 24 घंटे रोशन किया जा सकता है। इसके साथ ही यहां बायोगैस का उत्पादन भी होगा और खाद बनेगा। लेट-लतीफी से बढ़ी करीब 50 करोड़ लागत:
मुरथल में 18.5 एकड़ में जमीन में बनने वाले कचरा निस्तारण व विद्युत उत्पादन केंद्र के निर्माण में देरी के कारण इसका बजट 176 करोड़ से बढ़कर करीब 226 करोड़ पर पहुंच गया। प्लांट निर्माण में देरी का कारण यहां बनने वाली बिजली खरीदने को लेकर सरकार के साथ एग्रीमेंट में हुई लेटलतीफी बताई जा रही है।
प्लांट निर्माण का कार्य तेजी से किया जा रहा है। निर्माण कार्य 80 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। कंपनी प्रतिनिधियों से बातचीत हुई है। कंपनी ने फरवरी से ट्रायल शुरू करने को कहा है। इसके बाद कचरे का नियमित निस्तारण शुरू हो जाएगा।
- सुभाष चंद्र, संयुक्त आयुक्त, नगर निगम