पेराई में देरी होने पर भड़के किसान, व्यवस्था सुधारी
चीनी मिल में खोई नहीं होने के कारण पेराई प्रभावित हुई। पेराई न होने से किसानों ने प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। गन्ना लेकर पहुंचे किसानों ने मिल एमडी सुरेंद्र दून से मुलाकात की।
जागरण संवाददाता, सोनीपत : चीनी मिल में खोई नहीं होने के कारण पेराई प्रभावित हुई। पेराई न होने से किसानों ने प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। गन्ना लेकर पहुंचे किसानों ने मिल एमडी सुरेंद्र दून से मुलाकात की। इस पर एमडी ने जल्द पेराई शुरू करवाने का आश्वासन दिया तो किसान शांत हुए। बाद में पलवल से खोई आने के बाद दोपहर को पेराई शुरू हो गई। वहीं, गांव आहुलाना स्थित चौ. देवीलाल सहकारी चीनी मिल में गन्ना खत्म हो गया। किसानों को श्रमिक नहीं मिलने से समस्या पैदा हुई जिसके चलते मिल को कम क्षमता पर चलाया गया।
किसान रामबीर आंतिल, राजेश कुमार, सतीश पलड़ा ने कहा कि हर वर्ष पेराई सत्र के शुभारंभ पर मिल को बेहतर तरीके से चलाने का दावा किया जाता है, लेकिन मिल चलते ही बंद हो जाती है। कभी मिल में खराबी आ जाती है तो कभी व्यवस्था ठीक नहीं की जाती है। ऐसे में किसानों को दूसरी मिलों में गन्ना डालने के लिए मजबूर होना पड़ता है। जिले में रविवार को बूंदाबांदी में मिल में पड़ी खोई गीली हो गई। ऐसे में सहकारिता मंत्री डा. बनवारी लाल के पेराई सत्र का शुभारंभ करने के बाद सोमवार को ही मिल को बंद कर दिया गया था। उसी समय से किसान गन्ने से भरी ट्रालियां लेकर मिल परिसर में खड़े हैं। मिल नहीं चलने पर गन्ना लेकर पहुंचे ट्रैक्टर-ट्रालियों की लंबी लाइन लग गई। बुधवार दोपहर बाद तक पेराई के लिए करीब 13 हजार 300 क्विंटल गन्ना यार्ड में पहुंच चुका था। पलवल से खोई आने के बाद मिल को दोबारा चालू किया गया। बुधवार दोपहर 3 बजे तक 3317 क्विटल गन्ने की पेराई की गई।
बूंदाबांदी के कारण खोई में नमी होने से गन्ना पेराई बाधित हुई है। पलवल से खोई मंगाने पर बुधवार दोपहर मिल में गन्ना पेराई शुरू कर दी गई है।
- सुरेंद्र दून, एमडी, सहकारी चीनी मिल, सोनीपत
आहुलाना मिल में खत्म हुआ गन्ना :
किसानों की मांग पर ही जल्दी पेराई शुरू की गई थी। किसानों को गन्ने के खेत में काम करने के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं। मजदूर दीपावली के मौके पर अपने घर चले जाते हैं, जिसके कारण मिल की पेराई क्षमता के अनुसार किसान गन्ना मुहैया नहीं करवा पा रहे हैं। पेराई के शुभारंभ पर करीब 15 हजार क्विंटल गन्ने की पर्चियां जारी की थी, लेकिन किसान केवल सात हजार क्विटल गन्ना ही लेकर पहुंचे। गन्ने के अभाव में मिल में नो केन की समस्या आ गई। इसपर मिल को कम क्षमता पर चलाया गया। मिल की गन्ना पेराई की क्षमता प्रतिदिन 25 हजार क्विटल की है। मिल के कर्मचारी किसानों को जल्द गन्ना लेकर आने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।