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पांच सौ डिफाल्टरों को नोटिस की तैयारी

प्रापर्टी टैक्स की वसूली को लेकर निगम इसी साल की शुरुआत में बड़ी कार्रवाई पहले भी कर चुका है जब पूर्व विधायक के होटल सहित कई प्रभावशाली की प्रापर्टी को सील कर दिया था।

By JagranEdited By: Published: Sat, 07 Nov 2020 05:09 PM (IST)Updated: Sat, 07 Nov 2020 05:09 PM (IST)
पांच सौ डिफाल्टरों को नोटिस की तैयारी
पांच सौ डिफाल्टरों को नोटिस की तैयारी

जागरण संवाददाता, सोनीपत : करोड़ों रुपये दबाए बैठे 500 प्रापर्टी टैक्स डिफाल्टर नगर निगम के निशाने पर हैं। नगर निगम ने डिफाल्टरों को नोटिस भेजने भी शुरू दिए हैं। इससे पहले निगम ने टैक्स डिफाल्टरों को नोटिस भेजे थे। अब नोटिस देकर आगाह किया जा रहा है कि यदि प्रापर्टी टैक्स जमा नहीं करवाया गया तो कार्रवाई के लिए तैयार रहें। ऐसे डिफाल्टरों की प्रापर्टी व वाहन भी निगम जब्त कर सकता है। प्रापर्टी टैक्स की वसूली को लेकर निगम इसी साल की शुरुआत में बड़ी कार्रवाई पहले भी कर चुका है, जब पूर्व विधायक के होटल सहित कई प्रभावशाली की प्रापर्टी को सील कर दिया था। एक बार फिर निगम अधिकारी ऐसी ही बड़ी कार्रवाई कर डिफाल्टरों को सबक सिखाने के मूड में है।

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प्रापर्टी टैक्स भरने को लेकर उदासीनता नगर निगम पर भारी पड़ रही है। हर साल छूट दिए जाने के बावजूद डिफाल्टर निगम के करोड़ों रुपये पर कुंडली मारे बैठे हैं। इसके चलते नगर निगम हर साल प्रापर्टी टैक्स कलेक्शन में पिछड़ रहा है। चालू वित्त वर्ष में नगर निगम ने प्रापर्टी टैक्स वसूली का लक्ष्य 25 करोड़ रुपये का है, लेकिन अभी तक 11 करोड़ भी वसूल नहीं हो पाई है। इससे पहले भी नगर निगम लक्ष्य तक पहुंचने में विफल रहा है। निगम का सरकारी विभागों पर 10 करोड़ से ज्यादा बकाया है।

अब दिसंबर तक बढ़ी छूट की अवधि :

वर्ष 2010-11 से 2016-17 तक के संपत्ति कर के देय या बकायों के लिए 25 प्रतिशत की एकमुश्त छूट उन संपत्ति मालिकों को दी जाएगी जो 31 दिसंबर, 2020 तक वर्ष 2010-11 से 2019-20 तक के सभी संपत्ति कर देय या बकायों का भुगतान कर देंगे। वहीं, 2 लाख से ऊपर के 500 टैक्स बकायादारों को नोटिस भेजे गए हैं। टैक्स न भरने पर प्रापर्टी सील होगी।

उपायुक्त ने भी की है टैक्स वसूली की समीक्षा :

छूट की समय अवधि पूरे होने के बाद उपायुक्त ने जोनल टैक्स अधिकारी को टैक्स वसूली से संबंधित समीक्षा की है। वहीं,आदेश दिए हैं कि टैक्स भरने में आनाकानी करने वालों को नोटिस जारी किए जाए। वहीं, सीलिग की कार्रवाई की जाए। जरूरत पड़ने पर संपत्ति व वाहन भी जब्त किए जाए।

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31 अक्टूबर तक छूट मिलने के बाद भी जिन डिफाल्टरों ने टैक्स नहीं भरा है। उनको अब सिलिग का नोटिस दिया जाएगा। जल्द ही ऐसे मालिकों की प्रापर्टी को सील करने की कार्रवाई शुरू की जाएगी।

- प्रदीप कुमार, जोनल टैक्स आफिसर


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