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श्रद्धालुओं ने एक साथ मनाई दुर्गा अष्टमी व नवमी का पर्व

जिले भर में दुर्गा अष्टमी व नवमी का पर्व धूमधाम से मनाया। दुर्गा अष्टमी पर श्रद्धालुओं ने कंजकों की पूजा की। नवरात्र के अष्टमी व नवमी पर श्रद्धालुओं ने महागौरी और मां भवानी की पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना की।

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Oct 2020 02:06 PM (IST)Updated: Sat, 24 Oct 2020 02:06 PM (IST)
श्रद्धालुओं ने एक साथ मनाई दुर्गा अष्टमी व नवमी का पर्व
श्रद्धालुओं ने एक साथ मनाई दुर्गा अष्टमी व नवमी का पर्व

जागरण संवाददाता, सोनीपत: जिले भर में दुर्गा अष्टमी व नवमी का पर्व धूमधाम से मनाया। दुर्गा अष्टमी पर श्रद्धालुओं ने कंजकों की पूजा की। नवरात्र के अष्टमी व नवमी पर श्रद्धालुओं ने महागौरी और मां भवानी की पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना की। श्रद्धालु सुबह ही माता के मंदिरों में पहुंचे। वहां विधि-विधान से पूजा कर मां से आशीर्वाद मांगा। शहर की सुनारों वाली गली स्थित श्री देवी चिटाने वाली माता मंदिर, काली माता मंदिर, माडल टाउन स्थित नव दुर्गा मंदिर सहित अन्य देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। शनिवार को कन्या पूजन के साथ अष्टमी-नवमी एकसाथ मनाई गई। आज दशहरा मनाया जाएगा।

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पूजन के दौरान श्रद्धालुओं ने पहले कंजकों के पैर धुलवाए। इसके बाद उनको मौली बांधी और रोली का टीका लगाया। इसके बाद उनको भोजन करवाया। भोजन के बाद सभी कंजकों को उपहार दिए गए। कंजकों का पूजन करने के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं को इधर-उधर घूमना पड़ा। कंजकों को भी एक दिन में कई-कई घरों में जाना पड़ा। इसके लिए कई श्रद्धालुओं को तो घंटों तक इंतजार भी करना पड़ा। अष्टमी पर शहर के माता चितपूर्णी मंदिर, कच्चा क्वार्टर अशोक नगर, दुर्गा मंदिर मोहल्ला कलां, कामी रोड स्थित काली माता मंदिर, बाबा धाम मंदिर में भी भजन कीर्तन और भंडारों का आयोजन किया गया। इसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने माता की भेंट सुनाई। माडल टाउन स्थित नव दुर्गा मंदिर के पुजारी रामकृष्ण पाठक ने बताया कि इस बार अष्टमी-नवमी एक ही दिन है। इस दिन मां महागौरी और भवानी की पूजा-अर्चना होती है। अष्टमी को महागौरी को पूजा जाता है। इससे सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और धन की प्राप्ति होती है। नौवां दिन नवरात्रि का आखिरी दिन होता है और ये दिन मां भवानी का होता है। इस दिन व्रत का समापन किया जाता है। माता रानी को हलवा, पूरी और खीर का भोग लगाकर, कंजक पूजी जाती है। ऐसा करने से दुर्घटनाओं से बचाव होता है और सभी सुखों की प्राप्ति होती है। माता दर्शन के लिए लगा भक्तों का तांता: गांव चिटाना में स्थित चिटाने वाली मंदिर व कामी रोड स्थित रामलीला मैदान में लगाए गए पंडाल में विराजमान माता के दर्शन किए। मंदिर श्री देवी चिटाने वाली मां सिद्धपीठ (गांव चिटाना) के पदाधिकारियों ने बताया कि लोगों के लिए मां के दर्शन की व्यवस्था की गई है। नियमों का पालन कर श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आ रहे हैं। वहीं, शहर स्थित सुनारों वाली गली स्थित श्री देवी चिटाने वाली माता की प्रतिभा दर्शन के लिए रामलीला मैदान में दर्शन के लिए रखी गई। सुबह से ही माता के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।


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