सोनीपत में बिना लाइसेंस के चल रही है मिठाई की ज्यादातर दुकानें , पनीर के 70 प्रतिशत से ज्यादा सैंपल जांच में मिले फेल
पनीर के 70 प्रतिशत से ज्यादा सैंपल जांच में फेल मिले हैं। वहीं आधे से ज्यादा दुकानदारों के पास लाइसेंस तक नहीं हैं। इसके चलते शासन ने त्यौहारी सीजन में बड़े स्तर पर चेकिंग अभियान चलाने और सैंपल लेने का निर्णय लिया है।
सोनीपत, जागरण संवाददाता। शुद्ध का युद्ध अभियान के तहत लिए गए दूध और उससे तैयार उत्पादों-मिठाइयों के ज्यादातर सैंपल जांच में फेल मिले हैं। सबसे ज्यादा बुरा हाल पनीर का है। पनीर के 70 प्रतिशत से ज्यादा सैंपल जांच में फेल मिले हैं। वहीं आधे से ज्यादा दुकानदारों के पास लाइसेंस तक नहीं हैं। इसके चलते शासन ने त्यौहारी सीजन में बड़े स्तर पर चेकिंग अभियान चलाने और सैंपल लेने का निर्णय लिया है। इसके लिए बृहस्पतिवार को मिठाई विक्रेता दुकानदारों की बैठक बुलाकर विभागीय अधिकारियों ने मानक का उल्लंघन करने वालों को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दे दी है।
यह है स्थिति : खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की ओर से शुद्घ का युद्ध नाम से अभियान चलाया गया था। सितंबर महीने में चलने वाले इस अभियान में दूध और उससे तैयार हाेने वाले खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता का परीक्षण किया जाना था। इसके लिए बड़े स्तर पर सैंपल अभियान चलाया गया था। उन सैंपल की रिपोर्ट अब आने लगी है। विभाग को अभी तक प्राप्त सैंपल रिपोर्ट चौंकाने वाली हैं। सबसे ज्यादा खराब स्थिति पनीर की है। अभी तक पनीर के करीब 30 सैंपल की रिपोर्ट प्राप्त हुई है। उसमें से 21 सैंपल विभाग की जांच में फेल मिले हैं। वहीं दूध व अन्य खाद्य पदार्थों के सैंपल भी बड़े स्तर पर फेल आए हैं।
अब होगी सख्ती: सैंपल मानक पर खरे नहीं उतरने पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की ओर ने नई रणनीति तैयार की गई है। शासन ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं। त्यौहारी सीजन में सैंपल पिछले वर्षों की तुलना में दो गुने लिए जाएंगे। वहीं संदेह होने पर खाद्य पदार्थ को तत्काल नष्ट करा दिया जाएगा। खाद्य पदार्थों की जांच के लिए विभाग की जिला , प्रदेश व केंद्र की टीमों के साथ ही डीसी के नेतृत्व में सभी एसडीएम की टीम भी छापामारी करेंगी। किसी को भी अधोमानक व नकली-मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री की छूट नहीं दी जाएगी।
तत्काल बनवा लें लाइसेंस:
जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी वीरेंद्र सिंह गहलावत ने बृहस्पतिवार को हलवाइयों और मिठाई विक्रेताओं की बैठक ली। उन्होंने कड़े शब्दों में कहा कि बिना लाइसेंस के किसी को मिठाइयों की बिक्री नहीं करने दी जाएगी। अकेले शहर में ही मिठाई की सौ से ज्यादा दुकान हैं। जबकि विभाग से लाइसेंस केवल 40 के ही पास है। उन्होंने सभी को लाइसेंस लेने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है। उसके बाद कार्रवाई शुरू की जाएगी। बिना लाइसेंस के मिठाई व अन्य खाद्य पदार्थ की बिक्री नहीं होने दी जाएगी।
इनका करना होगा पालन:
- मिठाईयों पर निर्माण व एक्सपायर डेट लिखनी होगी।
- मिठाइयों को स्वच्छता के साथ ढककर रखना होगा।
- मिठाई विक्रेता के नाखून-बाल ठीक होंगे और दस्ताने-सिर पर कैप पहननी होगी।
- मिठाई बनाने और बिक्री वाले स्थानों पर मानक के अनुसार सफाई रखनी होगी।
- दूध, पनीर, मावा व रंग आदि की गुणवत्ता की जिम्मेदारी मिठाई विक्रेताओं की होगी।
- दुकान का लाइसेंस प्रदर्शित करना होगा।
- शुद्ध का युद्ध अभियान में लिए गए सैंपल की जांच रिपोर्ट चौकाने वाली है। सबसे ज्यादा खराब स्थिति पनीर की है। इसके चलते त्यौहारी सीजन का अभियान अभी से शुरू कर दिया गया है। मिठाई विक्रेताओं की बैठक में शासन की गाइडलाइन की जानकारी दे दी गई है। मानक का पालन नहीं करने वालों के यहां छापामारी की जाएगी। वीरेंद्र सिंह गहलावत, जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी- सोनीपत।