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Kisan Andolan: आंदोलन समाप्त करने पर आज निर्णय ले सकता है संयुक्त किसान मोर्चा

बताया जा रहा है यह बैठक दिल्ली में हो रही है। इस बैठक में सरकार की ओर से आए प्रस्ताव पर मोर्चा की बैठक में चर्चा होगी। बैठक में केस वापसी को लेकर सरकार कोई अहम प्रस्ताव देगी जिसके बाद मोर्चा की बैठक में अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

By Jp YadavEdited By: Published: Wed, 08 Dec 2021 12:05 PM (IST)Updated: Wed, 08 Dec 2021 12:05 PM (IST)
Kisan Andolan: आंदोलन समाप्त करने पर आज निर्णय ले सकता है संयुक्त किसान मोर्चा
Kisan Andolan: आंदोलन समाप्त करने पर आज निर्णय ले सकता है संयुक्त किसान मोर्चा

नई दिल्ली/सोनीपत [संजय निधि]। दिल्ली के विभिन्न बार्डरों पर 377 दिन से चल रहे किसान आंदोलन को समाप्त करने पर आज फैसला हो सकता है। आज दोपहर दो बजे सरकार के प्रस्ताव पर संयुक्त किसान मोर्चा की अहम बैठक होगी। इस बैठक से पहले फिलहाल मोर्चा की पांच सदस्यीय कमेटी आपात बैठक कर रही है। सूत्रों के अनुसार इस बैठक में केंद्र सरकार के नुमाइंदे भी शामिल हैं। बताया जा रहा है यह बैठक दिल्ली में हो रही है। इस बैठक में सरकार की ओर से आए प्रस्ताव पर मोर्चा की बैठक में चर्चा होगी। माना जा रहा है कि बैठक में केस वापसी को लेकर सरकार कोई अहम प्रस्ताव देगी, जिसके बाद मोर्चा की बैठक में अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

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गौरतलब है कि एक दिन पहले संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में सरकार की ओर से आए प्रस्ताव पर चर्चा हुई थी, जिसमें आंदोलन समाप्ति के साथ ही केस वापसी की शर्त किसानों को मंजूजर नहीं थी। इसके अलावा सरकार की आरे से भेजे गए प्रस्ताव की कुछ बिंदुओं पर मोर्चा को आपत्ति थी और उन्होंने इसको लेकर सरकार से संशोधित प्रस्ताव देने का अनुरोध किया था। इसमें सबसे प्रमुख केस वापसी के लिए आंदोलन समाप्त करने की शर्त को उन्होंने नामंजूर कर दिया था। संयुक्त किसान मोर्चा के वरिष्ठ नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि सरकार ने किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने के लिए जो शर्त रखी है, वह हमें मंजूर नहीं है। किसान नेता अशोक धावले ने कहा था कि केस वापस होने को लेकर किसानों में संदेह है। यह विश्वास की बात है। देश भर में हजारों केस दर्ज किए गए हैं। उन्होंने इसके लिए समय-सीमा तय करने और ठोस आश्वासन की मांग की थी। किसान नेताओं को उम्मीद है कि आज दोपहर से पहले सरकार की ओर से इस पर संशोधित प्रस्ताव भी आ जाएगा और पांच सदस्यीय कमेटी से बातचीत भी हो जाएगी, जिसके बाद दो बजे होने वाली बैठक में अहम निर्णय लिया जाएगा।

सरकार के प्रस्ताव पर मोर्चा की आपत्ति 

- आंदोलन वापस लेने के तत्काल बाद केस वापस ले लिए जाएंगे। मोर्चा का कहना है केस वापसी पर ठोस आश्वासन मिले और समय-सीमा निर्धारित हो।

- विद्युत संशोधन विधेयक-2020 काे संसद में पेश करने से पहले सभी हितधारकों से विमर्श किया जाएगा। मोर्चा चाहता है यह विधेयक संसद में नहीं लाया जाए।

- पराली के मुद्दे पर सरकार ने जो कानून पारित किया है, उसकी धारा-14 व 15 में क्रिमिलन लाइबिलिटी से किसान को मुक्ति दी है। मोर्चा का कहना है कि धारा-15 को समाप्त किया जाए।

- आंदोलन के दौरान जान गंवाने वालों के स्वजनों को मुआवजे पर हरियाणा और उप्र सरकार ने सैद्धांतिक सहमति दी है। मोर्चा पंजाब की तर्ज पर मुआवजे मांग कर रहे हैं।

- सरकार ने एमएसपी के लिए कमेटी गठित करने और इसमें केंद्र सरकार, राज्य सरकार और किसान संगठनों के प्रतिनिधि और कृषि वैज्ञानिकों के शामिल होने की बात कही, मोर्चा की मांग है कि इसमें किसान संगठनों की जगह संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए।


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