Haryana Wrestlers Murder Case: पहलवानी में देश का प्रतिनिधित्व करना चाहते थे रोहतक के सागर
Haryana Wrestlers Murder Case पहलवान सागर धनखड़ अपने पिता के सपनों को जी रहे थे। उनके पिता अशोक धनखड़ भी पहलवानी करते थे लेकिन पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण ज्यादा आगे नहीं बढ़ पाए। उन्हें दिल्ली पुलिस ज्वाइन करनी पड़ी लेकिन वे बेटे को अंतरराष्ट्रीय स्तर का पहलवान बनाना चाहते थे।
नई दिल्ली/सोनीपत, जागरण संवाददाता। छत्रसाल स्टेडियम के पहलवान सागर धनखड़ अपने पिता के सपनों को जी रहे थे। उनके पिता अशोक धनखड़ भी पहलवानी करते थे, लेकिन पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण ज्यादा आगे नहीं बढ़ पाए। उन्हें दिल्ली पुलिस ज्वाइन करनी पड़ी, लेकिन वे बेटे को अंतरराष्ट्रीय स्तर का पहलवान बनाना चाहते थे। इसलिए वे शुरू से ही उसे पहलवानी के गुर सिखाने के लिए विभिन्न गुरुओं और अखाड़ों में भेजा था, लेकिन उन्हें क्या मालूम था कि यही अखाड़ा और पहलवानों की अदावत एक दिन उनके बेटे को छीन लेगी।
मूलरूप से रोहतक जिले के गांव बखेता के रहने वाले अशोक धनखड़ के दो पुत्र हैं। अशोक दिल्ली पुलिस में कार्यरत हैं और बच्चों को अच्छी शिक्षा के लिए वे सोनीपत के मिशन चौक पर परिवार के साथ रहने लगे थे। बड़े बेटे यहीं डेयरी आदि का काम करते हैं, जबकि छोटे बेटे सागर छत्रसाल स्टेडियम में पहलवानी करते थे। मंगलवार रात को आपसी अदावत के कारण स्टेडियम में ही उनकी हत्या कर दी गई। हालांकि, स्वजन फिलहाल हत्या के कारणों को लेकर कुछ भी नहीं बता पा रहे हैं। सागर के चाचा और बखेता के सरपंच कृष्ण धनखड़ ने बताया कि अशोक को भी पहलवानी का शौक था, लेकिन वे इसे पूरा नहीं कर पाए। उन्होंने अपने छोटे बेटे सागर धनखड़ को पहलवान बनाने की सोची।
शुरुआत में उन्होंने सागर को खरखौदा के एक नामचीन स्कूल में दाखिल करवाया और पहलवानी के गुर सिखाए। इसके बाद यहां से निकालकर उन्होंने बेटे को छत्रसाल स्टेडियम में दाखिल करवा दिया। वह करीब आठ-दस साल से वहीं रहकर अभ्यास करते थे। उनकी शादी नहीं हुई थी। अचानक ऐसा क्या हुआ जो उसकी हत्या कर दी गई। यह किसी को समझ नहीं आ रहा है। उसकी किसी से क्या रंजिश थी, यह भी किसी को नहीं पता है, लेकिन स्वजन इतना जरूर कह रहे हैं कि इस हत्याकांड में पहलवान सुशील कुमार का नाम आया है तो जरूर इसमें पहलवानी को लेकर ही अदावत रही होगी।