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केशदान करने वाली जिले की पहली युवती बनीं पलक गर्ग, कैंसर पीड़ितों की मदद के लिए पेश की मिसाल

पलक गर्ग ने बताया कि उसने एम्स के चिकित्सकों से बात की थीं। उन्होंने बताया कि कैंसर रोगी महिलाओं को विग पहननी होती है। उनके लिए विग केरल और मुंबई के कैंसर अस्पतालों की देखरेख में तैयार कराई जाती है। उनको विग के लिए 12 इंच से बड़े बाल चाहिए।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sat, 04 Sep 2021 04:09 PM (IST)Updated: Sat, 04 Sep 2021 04:09 PM (IST)
केशदान करने वाली जिले की पहली युवती बनीं पलक गर्ग, कैंसर पीड़ितों की मदद के लिए पेश की मिसाल
एम्स में बिना बाल की कैंसर पीड़िताओं को देखकर लिया था बालदान का संकल्प

सोनीपत [डीपी आर्य]। ग्रेजुएशन की छात्रा ने कैंसर पीड़ितों के लिए अपने 25 इंच लंबे बालों को दान कर दिया है। दो सामाजिक संस्था कैंसर संक्रमितों के लिए केशदान करा रही हैं। वह बालों को दान करने वाली जिले की पहली युवती बन गई हैं। फिलहाल वह कैप लगाकर कालेज जाएंगी। उन्होंने युवाओं को अपने बाल दान करने के लिए प्रेरित करना शुरू कर दिया है। उन्होंने चिकित्सकों के निर्देशानुसार बाल उतवाकर मुंबई के कैंसर अस्पताल के लिए कुरियर कर दिया है।

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ग्रेजुएशन की छात्रा हैं पलक गर्ग

सामाजिक कार्यकर्ता और प्रधान गन हाउस के मालिक पवन गर्ग की बेटी पलक गर्ग ग्रेजुएशन की छात्रा हैं। वह कैंसर रोगियों के लिए बाल दान करने के लिए आगे आई हैं। उसने अपने बचपन से संवारे गए बालों को शैंपू करके रेजर से उतरवाया और फिर सैनिटाइज करके मुंबई के लिए कुरियर कर दिया।

तीन रोगियों के लिए तैयार होगी विग

उनके बालों से तीन रोगियों की विग तैयार की जा सकेगी। कैंसर के उपचार में अक्सर रोगियों के बाल उड़ जाते हैं। युवा लड़कियां बिना बालों के बड़ी अजीब सी लगती हैं। पवल गर्ग ने बताया कि उनके नाना राधेश्याम दिल्ली एम्स के कैंसर वार्ड में भर्ती थे। वह उनसे मिलने गई थी। वहां कैंसर वार्ड में उसने युवतियों को बिना बालों के देखा था। वह बड़ी अजीब लग रही थीं।

कैंसर रोगियों को पहननी होती है विग

पलक गर्ग ने बताया कि उसने एम्स के चिकित्सकों से बात की थीं। उन्होंने बताया कि कैंसर रोगी महिलाओं को विग पहननी होती है। उनके लिए विग केरल और मुंबई के कैंसर अस्पतालों की देखरेख में तैयार कराई जाती है। उनको विग के लिए 12 इंच से बड़े बाल चाहिए। वह बालों को दान के रूप में स्वीकार करते हैं, लेकिन जरूरत के अनुसार बड़े बाल नहीं मिल पाते हैं। युवक बड़े बाल रखते नहीं हैं और युवतियां बाल उतरवाती नहीं हैं। इसके लिए रेजर से उतरे हुए बालों की जरूरत होती है। उसने तभी से बाल उतरवाने के लिए संकल्प कर लिया था। अपने बाल उतरवाकर अब वह अन्य युवतियों को इसके लिए प्रेरित कर रही हैं।

चला रहे केशदान का अभियान

हमने फाउंडेशन की सदस्य पलक गर्ग के बाल उतरवाकर मुंबई भेज दिए गए हैं। इससे पहले संगठन के युवा सचिन बत्रा अपने बाल 18 इंच लंबे बाल दान कर चुके हैं। हम पलक गर्ग के नेतृत्व में केशदान करने के लिए अभियान चला रहे हैं। बाल दान करने वाले युवाओं को अस्पताल की ओर से प्रेरित प्रमाण पत्र भी प्रदान किया जाता है।

नितिन जैन, संस्थापक स्प्रेड स्माइल फाउंडेशन।


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