Haryana Gangster Ramkaran News: कहीं भारतीय सेना तक तो नहीं है हथियार माफिया की पहुंच
Haryana Gangster Ramkaran News सीआइए-2 की पूछताछ में रामकरण ने स्वीकार किया है कि उसने हथियार और कारतूस मेरठ के हथियार माफिया से खरीदे थे। रामकरण ने हथियारों का सौदा होने वाले स्थान का सत्यापन करा दिया है। आरोपित की तलाश में दो टीम यूपी में छापामारी कर रही हैं।
नई दिल्ली/सोनीपत [डीपी आर्य] गैंगस्टर रामकरण मामले की जांच अब सेना तक पहुंच सकती है। रामकरण के घर से प्रतिबंधित हथियारों के कारतूस बरामद किए गए थे। इन कारतूसों का प्रयोग सेना व सुरक्षा एजेंसियां ही करती हैं। सीआइए-2 की पूछताछ में रामकरण ने स्वीकार किया है कि उसने हथियार और कारतूस मेरठ के हथियार माफिया से खरीदे थे। रामकरण ने हथियारों का सौदा होने वाले स्थान का सत्यापन करा दिया है। आरोपित की तलाश में पुलिस की दो टीम उत्तर प्रदेश में छापामारी कर रही हैं। रामकरण और उसके गुर्गें अमित ने कई महत्वपूर्ण जानकारी पुलिस को दी हैं।
सेना और सुरक्षा एजेंसियां ही करती हैं बरामद कारतूस
कचहरी परिसर में 18 मार्च को संदीप बड़वासनी गैंग के मुखिया अजय उर्फ बिट्टू को सिपाही महेश ने सिर में गोलियां मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया था। उसके कुछ देर बाद गांव बरोणा में अजय के पिता कृष्ण की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस इन घटनाओं को सामान्य गैंगवार मान रही थी। इस मामले में रामकरण गैंग का नाम सामने आया था। इसके चलते पुलिस ने रामकरण बैंयापुर के घर पर छापामारी की तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। उसके घर से हथियारों का जखीरा पकड़ा गया था। पुलिस ने 315 बोर के 140 कारतूस, 12 बोर के 91 कारतूस, 32 बोर के 320 कारतूस, 7.62 बोर के 10 कारतूस, 9 एमएम के दो कारतूस, 5.56 बोर के 3 कारतूस, एफएमजी के 40 कारतूस, एक खोल, रिवाल्वर, तीन खाली मैगजीन, एक राइफल 315 बोर बरामद हुई थीं। अगले दिन की जांच में 94 कारतूस और मिले थे। उसमें कई कारतूस ऐसे हैं, जिनका प्रयोग सेना और सुरक्षा एजेंसियां ही करती हैं। इनमें इंसास रायफल और एके-47 में प्रयोग होने वाले कारतूस हैं।
रामकरण ने पूछताछ में किए बड़े खुलासे
रामकरण की गिरफ्तारी के बाद इस संबंध में पूछताछ हुई। वहीं उसका शार्प-शूटर अमित उर्फ मीता पकड़ा गया। इनके पास से बुलेटप्रूफ कार और बुलेटप्रूफ जैकेट पकड़ी गई। सीआइए की पूछताछ में सामने आया कि असलाह और कारतूस मेरठ से खरीदे गए थे। मेरठ से ही बुलेटप्रूफ जैकेट खरीदी गई थी। रामकरण ने अवैध हथियार और कारतूस माफिया की जानकारी दे दी है। जिस स्थान पर इनका सौदा हुआ था, उसका सत्यापन भी करा दिया गया है। हथियार माफिया मेरठ का है। मेरठ में ही सेना का मुख्यालय है। इसको जांच अधिकारी जोड़कर देख रहे हैं।
कारतूस सप्लाई किया जाना बड़ी सेंधमारी की ओर इशारा तो नहीं!
मेरठ के हथियार तस्कर द्वारा प्रतिबंधित श्रेणी के कारतूस सप्लाई किया जाना बड़ी सेंधमारी की ओर इशारा कर रहा है। अब रामकरण मामले की जांच सेना और सुरक्षा एजेंसियों तक पहुंच सकती है। इसके लिए हथियार माफिया की गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है। उसके बाद पुलिस इनकी कड़ी जोड़ते हुए आगे बढ़ रही है। मामला सेना और सुरक्षा एजेंसियों से जुड़ा होने के चलते अधिकारी खुलकर बोलने से बच रहे हैं।
वहीं, (अनिल कुमार, प्रभारी निरीक्षक, सीआइए-2) का कहना है कि रामकरण हथियार और कारतूस मेरठ के माफिया से लेकर आया था। गैंगस्टर को हथियार उपलब्ध कराने वाले माफिया के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिल गई है। उसकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही हैं। उसके पकड़ में आने के बाद प्रतिबंधित कारतूसों की सप्लाई की हकीकत सामने आ सकेगी। अवैध हथियारों की सप्लाई और व्यवस्था करने वाली प्रत्येक कड़ी हमारी जांच का हिस्सा है, वह चाहे कोई भी हो।