भारतीय किसान यूनियन नेता चढूनी ने सरकार पर लगाया गुमराह करने का आरोप, कहा- एमएसपी लागू हो
सरकार केवल अच्छे दाम पर फसल बिकने की बात कह रही है। सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य फसल खरीदने की बात नहीं कर रही है।
सोनीपत, जागरण संवाददाता। केंद्र सरकार ने कृषि विधेयकों में न तो किसानों की फसलों की समर्थन मूल्य से खरीद सुनिश्चित की है और न ही अनाजमंडियों के अंदर टैक्स को बाहर की तरह हटाया है। इससे किसानों को जहां फसलों का भाव कम मिलेगा। वहीं उनकी फसलों को खरीदने के लिए कोई उनके पास खेतों में नहीं आएगा। इससे किसानों को काफी नुकसान होगा।
एमएसपी लागू होने तक किसान जारी रखेंगे विरोध
फसलों का एमएसपी व अन्य मांगें लागू होने तक किसान विरोध जारी रखेंगे। सोनीपत पहुंचे भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने ये बातें कहीं।
किसानों को नहीं मिलेंगे उचित दाम
गुरनाम सिंह ने कहा कि अब तक किसान की फसलों की अनाज मंडियों में बोली के अनुसार खरीद होती है। अधिक व्यापारियों के बोली लगाने से किसान की फसल उचित दाम में भी बिक जाती है, लेकिन विधेयकों के लागू होने के बाद उनकी फसलों को खरीदने के लिए कोई उनके पास नहीं जाएगा।
सरकार पर लगाया गुमराह करने का आरोप, कहा- न्यूनतम समर्थन मूल्य हो अनिवार्य
सरकार केवल अच्छे दाम पर फसल बिकने की बात कह रही है। सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य फसल खरीदने की बात नहीं कर रही है। दूसरी तरफ, सरकार ने अनाज मंडियों के बाहर तो टैक्स खत्म कर दिया, लेकिन अंदर कोई राहत नहीं दी है। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन में 17 किसान संगठन जुड़े हैं।
जारी रहेगा किसानों का विरोध
किसानों के विरोध में किसी पार्टी विशेष का समर्थन होने की बात को चढ़ूनी ने निराधार बताया। उन्होंने कहा कि सरकार अब भी विधेयकों को रद करके इसमें संशोधन कर सकती है। सरकार को इसमें फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य, मंडियों से टैक्स हटाने, किसानों का कर्ज माफ करने समेत अन्य मांगों को लागू करना चाहिए। जब तक ये मांगें लागू नहीं होती किसानों का विरोध जारी रहेगा।
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