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बैराज से मिला पूरा पानी तो किसानों के लिए फायदेमंद बनीं नहरें और माइनर

जिलेभर के किसान हर वर्ष खरीफ-रबी सीजन अनुसार फसलों की रोपाई-बुआई करते हैं। इन किसानों की फसलों की बेहतर पैदावार के लिए प्रदेश सरकार की ओर से सिंचाई विभाग के अंतर्गत नहरों माइनरों और टेल के माध्यम से खेतों तक पानी मुहैया कराया जाता है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sat, 26 Sep 2020 05:30 PM (IST)Updated: Sat, 26 Sep 2020 05:30 PM (IST)
बैराज से मिला पूरा पानी तो किसानों के लिए फायदेमंद बनीं नहरें और माइनर
नहर में पानी का लेवल देखते हुए अधिकारी। फोटो- जागरण।

सोनीपत, भूपेंद्र धुरान। सिंचाई विभाग की सोनीपत और राई डिविजन की नहरें व माइनर अब की बार स्थानीय किसानों के लिए फायदेमंद बनीं। इसका मुख्य कारण स्थानीय नहरों और माइनरों में हथिनीकुंड बैराज से पूरा पानी मिलना रहा। इससे किसानों को सीजन में पानी की कमी महसूस नहीं हुई। अधिकारियों का भी दावा है कि किसानों को खेतों में सिंचाई को लेकर कोई परेशानी नहीं आने दी जाएगी।

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जिलेभर के किसान हर वर्ष खरीफ-रबी सीजन अनुसार फसलों की रोपाई-बुआई करते हैं। इन किसानों की फसलों की बेहतर पैदावार के लिए प्रदेश सरकार की ओर से सिंचाई विभाग के अंतर्गत नहरों, माइनरों और टेल के माध्यम से खेतों तक पानी मुहैया कराया जाता है। इसके अलावा आमजन को पेयजल आपूर्ति के लिए जनस्वास्थ्य विभाग के टैंक और गांवों में तालाब भरे जाते हैं। सिंचाई विभाग की सोनीपत और राई डिविजन के अंतर्गत 10 नहरें और 24 माइनर स्थापित हैं।

इनके माध्यम से दोनों डिविजनों से संबंधित करीब 70 हजार हेक्टेयर में प्रतिदिन 750 क्यूसिक पानी की डिमांड है। सिंचाई के साथ ही 58 तालाब और 11 टैंक भरे जाते हैं। पिछले सीजनों में पानी को लेकर किसान काफी परेशान नजर आते थे। समय पर नहरों के माध्यम पानी न मिलने के कारण वे कार्यालयों के चक्कर काटते थे। कई बार तो प्रदर्शन करने पर मजबूर हो रहे थे, लेकिन अब उन्हें इस परेशानी से नहीं जूझना पड़ रहा है। सिंचाई विभाग के स्थानीय अधिकारियों के नेतृत्व में किसानों को खेतों में पर्याप्त पानी मिल रहा है, जिससे उनकी फसलों में अच्छी पैदावार की संभावना है।

सीजन से पहले होती है नहरों और माइनरों की सफाई

नहरों और माइनरों में पानी चलने के बाद उनमें बड़ी-बड़ी घास उग जाती है। जब इनमें पानी बंद हाे जाता है तो घास अधिक क्षेत्र में फैल जाती है। ऐसे में इनकी सफाई कराना बहुत जरूरी है। अगर सफाई न कराए तो दोबारा से पानी आने के बाद नहरों और माइनरों के टूटने की आशंका बनी रहती है। इसी के मद्देनजर स्थानीय अधिकारियों की ओर से हर बार सीजन से पहले नहरों और माइनरों की सफाई कराई जाती है। इस व्यवस्था से न केवल माइनरें टूटने की घटना नहीं हो रही है, बल्कि किसानों को फायदा भी हो रहा है।

पानी की चोरी रोकने के लिए नियुक्त की गई हैं टीमें

सिंचाई विभाग का नहरों के माध्यम से सीधा फायदा किसानों को दिया जाता है। इसके बावजूद कई लोग नहरों और माइनरों से अधिक पानी की चाह में पाइप लगाकर पानी की चोरी करते हैं। इससे जहां किसानों को नियमित पानी नहीं मिलता, वहीं सिंचाई विभाग को नुकसान भी होता है। इसी के मद्देनजर सिंचाई विभाग के अधिकारियों की ओर से पानी चोरी रोकने के लिए टीमों का गठन किया जाता है। दिन और रात के समय बेलदार नियुक्त रहते हैं। इसके अलावा जेई से लेकर एक्सईएन तक इस पर लगातार निगरानी करते हैं। यही कारण है कि अब की बार 80 दिन माइनरों में पानी चला है।

अधिकारी ने कहा

किसानों को पर्याप्त पानी मुहैया कराने के लिए विभाग प्रयासरत है। इसी के अंतर्गत सोनीपत और राई डिविजन में आने वाली नहरों और माइनरों से किसानों को पानी दिया जा रहा है। तालाब और टैंकों में भी नियमित पानी भरा जाता है, ताकि आमजन को भी पेयजल किल्लत न हो। सरकार, विभाग और जिला प्रशासन के नेतृत्व में किसानों को भविष्य में भी पर्याप्त पानी दिया जाएगा।

अश्विनी फौगाट, कार्यकारी अभियंता, सिंचाई विभाग, सोनीपत।

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