सोनीपत में बड़ा हादसा: स्कूल की छत गिरने से 25 बच्चे, शिक्षिका समेत कई लोग घायल, मची अफरातफरी
गन्नौर के बायं रोड पर जीवानंद पब्लिक स्कूल में बड़ा हादसा होने से वहां अफरातफरी मच गई। स्कूल में क्लासरूम की छत बच्चों पर गिर गई। छत गिरने से तीसरी कक्षा के बच्चों के साथ साथ क्लास टीचर भी घायल हो गई हैं।
सोनीपत [संजय निधि]। Sonipat School Building Collapse: बाय रोड स्थित जीवानंद मार्डन पब्लिक स्कूल में तीसरी कक्षा के कमरे की कच्ची छत जर्जर होकर अचानक गिर गई। छत गिरने की वजह से कक्षा में मौजूद करीब 25 बच्चे, एक शिक्षिका व 3 मजदूर घायल हो गए। घायलों को उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व निजी अस्पतालों में भर्ती करवाया गया। यहां उपचार के बाद करीब 19 बच्चों, शिक्षिका व मजदूरों को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया, जबकि छह बच्चे अभी अस्पताल में उपचाराधीन हैं। फिलहाल सभी की हालत खतरे बाहर बताई जा रही है।
सूचना के बाद एसडीएम सुरेंद्र दून, सीएमओ डा. जयकिशोर, खंड शिक्षा अधिकारी मौके पर पहुंचे और बच्चों की हालत की जानकारी ली और साथ ही स्कूल का भी निरीक्षण किया जहां काफी खामियां पाई गई। प्रशासन रिपोर्ट तैयार कर स्कूल के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है।
बरसात के कारण क्षतिग्रस्त हो गई थी छत
बाय रोड स्थित जिवानंद मार्डन पब्लिक स्कूल के कमरों की कच्ची छत पिछले कई दिनों से चल रही बरसात के कारण क्षतिग्रस्त हो गई थी। बृहस्पतिवार को स्कूल संचालक दिनेश कौशिक ने तीसरी कक्षा के कमरे की छत को रिपेयर करवाने के लिए तीन मजदूर लगा रखे थे।
स्कूल संचालक के अनुसार तीसरी कक्षा में 30 बच्चे आए हुए थे, जो रिपेयरिंग के काम की वजह से स्कूल के मैदान में बैठ कर क्लास की परीक्षा दे रहे थे। जैसे ही स्कूल की छुट्टी की घंटी बजी तो बच्चे व शिक्षिक कक्षा के अंदर रखे अपने बैग से लंच बाक्स उठाने के लिए चले गए।
इसी दौरान छत पर तीनों मजदूर भी काम कर रहे थे। तभी कमरे की छत अचानक भरभरा कर गिर गई। छत पर लगी गाटर सिल्ली बच्चों व शिक्षिका पर गिर पड़ी और वे घायल हो गए। इसी दौरान मजदूर भी छत से गिर कर घायल हो गए। हादसे के तुरंत बाद स्कूल संचालक स्कूल में घायलों को उपचार के लिए गन्नौर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ले आए, जबकि कुछ बच्चों को निजी अस्पताल में भर्ती करवाया।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में करीब 28 घायलों को भर्ती करवाया गया था, जिनमें से लगभग सभी को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया। जबकि कुछ बच्चों को रेफर कर दिया। रेफर किए गए बच्चों को गन्नौर के निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जहां उनकी हालत भी खतरे से बाहर बताई जा रही है।