मुरथल में कचरा निस्तारण प्लांट बनने से गन्नौर वासियों को मिलेगी राहत
नगरपालिका के बादशाही रोड पर कूड़ा डं¨पग के लिए 3 एकड़ जमीन है जिसमें जेबीएम कंपनी शहर का कूड़ा डंप कर रही है। अधिकारियों के अनुसार नगरपालिका के अलावा कोई ऐसी जमीन नहीं है जो शहर की आबादी से दूर हो। जब तक मुरथल में कचरा निस्तारण प्लांट नहीं बनता तब तक इस जमीन पर ही कूड़ा डंप करवाने के अलावा कोई और चारा नहीं है। मुरथल कचरा निस्तारण प्लांट बनने के बाद शहर का कूड़ा वहां डालवाना शुरू कर दिया जाएगा।
संवाद सहयोगी, गन्नौर : नगरपालिका के बादशाही रोड पर कूड़ा डं¨पग के लिए 3 एकड़ जमीन है, जिसमें जेबीएम कंपनी शहर का कूड़ा डंप कर रही है। अधिकारियों के अनुसार नगरपालिका के पास इसके अलावा कोई ऐसी जमीन नहीं है, जो शहर की आबादी से दूर हो। जब तक मुरथल में कचरा निस्तारण प्लांट नहीं बनता, तब तक इस जमीन पर ही कूड़ा डंप करवाने के अलावा कोई और चारा नहीं है। मुरथल कचरा निस्तारण प्लांट बनने के बाद शहर का कूड़ा वहां डलवाना शुरू कर दिया जाएगा।
नगरपालिका अधिकारियों का कहना है कि गन्नौर में सफाई के हालात लगातार सुधर रहे हैं। प्रत्येक वार्ड में संकरी से संकरी गलियों में नगरपालिका व कंपनी के कर्मचारियों द्वारा कचरा कलेक्ट करने का काम किया जा रहा है। शहर से निकलने वाले कचरे को बादशाही रोड पर टेलीफोन एक्सचेंज के निकट डं¨पग जोन पर डलवा दिया जाता है। इससे वहां के नजदीकी निवासियों को परेशानी हो रही है। कचरा निस्तारण प्लांट बन जाने के बाद लोगों को इस परेशानी से भी छुटकारा मिल जाएगा। लोगों को खुद भी होना होगा जागरुक
सफाई निरीक्षक पोशन मलिक का कहना है कि शहर में डोर टू डोर कचरा कलेक्शन होने से सफाई व्यवस्था में काफी सुधार हुआ है। मगर कुछ लोग लापरवाही बरतते हुए खाली प्लाटों व आस-पास गंदगी फैला देते हैं। ऐसे में लोगों को खुद भी जागरूक होने की जरूरत है तभी शहर एक आदर्श शहर बन सकता है। सफाई में हुआ है पहले से सुधार
इस बारे में नपाध्यक्ष ईश्वर कश्यप कहते हैं कि नगरपालिका शहर में सफाई व्यवस्था कायम रखने के लिए पूरे प्रयास कर रही है। गलियों की सफाई, नाले-नालियों की सफाई का विशेष तौर पर ध्यान दिया जा रहा है। नगरपालिका कर्मियों के साथ-साथ निजी कंपनी भी घरों कचरा उठा रही है। डं¨पग प्वाइंटों से कचरा सही समय पर उठे इसका भी विशेष ध्यान दिया जाता है। मुख्य डंप प्वाइंट पर स्प्रे व चूने का छिड़काव समय-समय पर करवाया जाता है, ताकि स्थानीय लोगों को परेशानी न हो। यदि कचरा निस्तारण प्लांट बनता है तो इस समस्या से भी लोगों को निजात मिल जाएगी।