पाक रेजर्स की बर्बरता से ग्रामीणों का खौल रहा खून
जम्मू के आरएस पुरा सेक्टर में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान नरेंद्र ¨सह ने सीमा की सुरक्षा करते हुए अपने प्राण को न्योछावर कर दिया। इस शहादत से शहीद नरेंद्र ¨सह के पैतृक गांव थाना कलां वासियों का सीना गर्व से चौड़ा तो है और शहादत पर सभी को नाज भी है, लेकिन जिस प्रकार पाकिस्तान के रेंजर्स ने शव के साथ बर्बरता की है उससे सभी का खून खौल रहा है
हरीश भौरिया, खरखौदा
जम्मू के आरएस पुरा सेक्टर में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान नरेंद्र ¨सह ने सीमा की सुरक्षा करते हुए अपने प्राण को न्योछावर कर दिया। बेटे की शहादत की सूचना मिलते ही बुधवार को ग्रामीण नरेंद्र ¨सह के पैतृक घर पर एकत्रित होने लगे। अंतिम संस्कार के लिए चिह्नित किए गए स्थान पर भी ग्रामीणों की भीड़ जुटने लगी। ग्रामीण नरेंद्र ¨सह की शहादत पर तो गर्व कर रहे हैं पर नापाक पाकिस्तान की कायराना हरकत पर लोगों का खून भी खौल रहा था। कायरता दिखा गया पाकिस्तान
परसों भाई से बात हुई थी। मेरी बीमारी के बारे में पूछा और ठीक रहने की बात कही। मुझे तो स्कूल में सूचना मिली कि भाई के साथ ऐसा हो गया है। शहादत पर तो नाज है लेकिन पाकिस्तान अपनी कायरता दिखा गया। भाई को खोने का दु:ख है।
- राज ¨सह, नरेंद्र के बड़े भाई पानी सिर से ऊपर जा चुका है
कब तक सहें, कितना सहें, कितनी शहादत और देनी पड़ेगी। अब तो पानी सिर से ऊपर जा चुका है। सिर्फ बातों से और भाषणों से काम नहीं चलेगा। ईट का जवाब पत्थर से देना होगा।
-अशोक कुमार, शहीद के चाचा आरपार ही क्यों नहीं कर लेते
इस प्रकार पाकिस्तान बाज नहीं आएगा, हर बार भारत सरकार कुछ कड़ा रुख करने के बाद नर्म पड़ने लग जाती है, नतीजा ऐसा ही मिलता है। केंद्र सरकार को चाहिए कि एक बार आरपार कर ही ले, ताकि पाकिस्तान को भी अपनी औकात का पता चल जाए। क्योंकि हमारे देश के जवान इस बर्बरता के लिए नहीं बल्कि नापाक को उसके घर में जाकर मारने के लिए बने हैं।
- जगबीर, शहीद के गांव वासी। ऐसी बर्बरता नहीं होनी चाहिए
सीमा पर प्रहरी बने दोनों देशों के जवान अपने-अपने देश की सुरक्षा करते हैं, लेकिन जो ओछी हरकत करते हुए पाकिस्तान के सैनिकों ने बर्बरता की है, ऐसी नहीं होनी चाहिए।
- देवानंद, नरेंद्र के गांव वासी।
गांव में बनेगा स्मारक
गांव सरपंच बलराम का कहना है कि देश पर अपने प्राण की आहुति देने वाले थाना कलां के सपूत की शहादत को पूरा राष्ट्र नमन करता है। उनकी तरफ से फैसला लिया गया है कि गांव में शहीद नरेंद्र के नाम पर एक स्मारक स्थल बनाया जाएगा, वहीं सरकार से मांग की जाएगी कि गांव के खेल स्टेडियम व स्कूल का शहीद के नाम पर करने के साथ ही परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए। दिल्ली में रहता है परिवार
शहीद नरेंद्र ¨सह का परिवार हाल समय में जनकपुरी दिल्ली में रहता है। दोनों बेटों मोहित व अंकित की पढ़ाई के चलते नरेंद्र की पत्नी संतोष दिल्ली में रह रही हैं। सूचना के बाद से परिवार व ग्रामीणों में मातम पसरा हुआ है।