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कहीं शौचालयों पर लटके ताले तो कहीं गंदगी का आलम

करोड़ों रुपये खर्च कर बनाए गए नगर निगम के शौचालयों पर कही ताले लटक रहे हैं तो कहीं गंदगी और बदबू से बुरा हाल है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 09 Jul 2020 10:43 PM (IST)Updated: Fri, 10 Jul 2020 06:19 AM (IST)
कहीं शौचालयों पर लटके ताले तो कहीं गंदगी का आलम
कहीं शौचालयों पर लटके ताले तो कहीं गंदगी का आलम

जागरण संवाददाता, सोनीपत : करोड़ों रुपये खर्च कर बनाए गए नगर निगम के शौचालयों पर कही ताले लटक रहे हैं तो कहीं गंदगी और बदबू से बुरा हाल है। वहीं, कई शौचालय रखरखाव के अभाव में जर्जर हो रहे हैं। आसपास के दुकानदार व मार्केट में आने वाले ग्राहकों को परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है।

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शहर की मार्केट व अन्य सार्वजनिक स्थानों के आसपास नगर निगम ने शौचालयों के निर्माण करवाएं हैं, लेकिन रखरखाव के अभाव में इनका लाभ किसी को नहीं मिल रहा है। कई जगह शौचालयों पर ताले लटक रहे हैं तो कही जर्जर व बदबूदार शौचालय वहां आने वाले लोगों के वापस लौट जाने के लिए मजबूर कर रहे हैं। इन शौचालयों के आसपास के दुकानदारों और राहगीरों की मानें तो ऐसी स्थिति में लोग मजबूरन खुले में शौच जाने को मजबूर हैं। कई बार अधिकारियों से लिखित में भी शिकायत दी गई है, बावजूद इसके समस्या पर किसी अधिकारी का ध्यान नहीं है।

अनलॉक होने के इंतजार में है शौचालय :

कच्चे क्वार्टर, सुभाष चौक व गुरुद्वारा रोड मार्केट के दुकानदारों व यहां आने वाले ग्राहकों को सुविधा देने के लिए सुभाष चौक के पास बनाए गए डीलक्स शौचालय पर लॉकडाउन से पहले ताला लटक रहा है। दरअसल लॉकडाउन से पहले शरारती तत्वों ने शौचालय में तोड़फोड़ कर चोरी कर ली थी। इसके बाद नगर निगम ने इसकी मरम्मत करवाकर खोलने के बजाय इस पर ताला लगा दिया। अब अनलॉक-2 में भी इस पर ताला लटका है। वहीं सारंग रोड पर रेलवे पार्क में बनाए गए शौचालय पर भी ताला लटक रहा है। पार्क में आने वाले लोग व आसपास के दुकानदारों को शौचालय का कोई फायदा नहीं हो रहा है। उधर लघुसचिवालय के पास गोहाना रोड पर बने शौचालय पर भी ताला लटका हुआ है। रेलवे प्रशासन भी नींद से नहीं जाग रहा :

रेलवे स्टेशन के बाहर बने शौचालय गंदगी और बदबू से बुरा हाल है। रेलवे प्रशासन का शौचालय के रखरखाव और सफाई की ओर कोई ध्यान नहीं है। शौचालय की ओर जाने वाले यात्री और राहगीर शौचालय की हालत देख बाहर से ही वापस लौट जाते हैं। यहां पर गंदगी और बदबू से बुरा हाल है। ज्यादातर शौचालयों के रखरखाव की जिम्मेदारी बनाने वाली एजेंसी ही संभाल रही है। शुल्क के रूप में आने वाली आमदनी से ही इनका रखरखाव होता है। लॉकडाउन के दौरान ज्यादातर कर्मचारी घर चले गए। जल्द ही इनकी व्यवस्था को सुधारा जाएगा।

- उमेश, सफाई निरीक्षक, नगर निगम


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