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दो साल बाद शुरू होगी रसोई, बच्चों को मिलेगा गर्म खाना

जागरण संवाददाता सोनीपत सरकारी स्कूलों में मिड डे मील राशन पहुंचने की सभी बाधाएं दूर

By JagranEdited By: Published: Mon, 16 May 2022 08:06 PM (IST)Updated: Mon, 16 May 2022 08:06 PM (IST)
दो साल बाद शुरू होगी रसोई, बच्चों को मिलेगा गर्म खाना
दो साल बाद शुरू होगी रसोई, बच्चों को मिलेगा गर्म खाना

जागरण संवाददाता, सोनीपत :

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सरकारी स्कूलों में मिड डे मील राशन पहुंचने की सभी बाधाएं दूर हो गई है। लैब में भेजे सैंपल पास होने के बाद अधिकारियों ने राशन की सप्लाई शुरू करने के निर्देश दे दिए हैं। संभावना जताई जा रही है कि मंगलवार को स्कूलों में राशन पहुंचने पर बंद पड़ी रसोई फिर से शुरू होंगी और बच्चों को गर्म खाना मिलेगा। करीब दो वर्ष बाद स्कूलों की रसोई में फिर से मिड डे मिल पकाने का कार्य शुरू किया जाएगा।

कोरोना संक्रमण फैलने पर शिक्षा विभाग द्वारा पहली से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को मिड डे मिल के अंतर्गत सूखा राशन दिया जाता था। कोरोना संक्रमण कम होने पर नए सत्र से स्कूलों में आफलाइन कक्षाएं लग रही है। इसलिए शिक्षा विभाग मुख्यालय ने अधिकारियों को सूखे राशन के स्थान पर पका हुआ खाना देने के निर्देश दिए थे। यह व्यवस्था अप्रैल माह से ही शुरू होनी थी, लेकिन स्कूलों को राशन का स्टाक खत्म हो चुका था।अप्रैल में राशन की सप्लाई को लेकर भी प्रक्रिया पूरी नहीं हुई थी। जिसके चलते अप्रैल में रसोई शुरू नहीं हो पाई थी। मिड डे मिल इंचार्ज पंकज त्यागी के अनुसार मुख्यालय के आदेशों के बाद स्कूलों में राशन भेजने की प्रक्रिया तेजी से पूरी की गई। लैब में राशन के भेजे सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद अधिकारियों ने राशन की सप्लाई शुरू करने का निर्णय लिया है। बच्चों को अच्छी गुणवत्ता का खाना मिले, विभाग हमेशा प्रयासरत रहता है। स्कूलों के खाते बंद होने से दुकानदार के खाते में होगा भुगतान :

विद्यार्थियों को अप्रैल माह में मील डे मील नहीं मिला है। उन्हें सूखा राशन दिया जाएगा। राशन का भुगतान सीधे दुकानदार को किया जाएगा। इस संबंध में निदेशालय ने भी आदेश दिए हैं। नई व्यवस्था के अनुसार एफडीएमएस (फंड डिस्ट्रिब्यूशन मैनेजमेंट सिस्टम) के माध्यम से ही भुगतान होगा। इसलिए स्कूल के खाते बंद हो गए हैं। इसलिए निदेशालय ने दुकानदार के खाते में ही पैमेंट करने का निर्णय लिया है। स्कूलों को बिल भी स्कूल के नाम से लेना होगा। स्कूल प्राचार्य को राशन के बिल खंड शिक्षा अधिकारी से सत्यापित कराने होंगे। बिल पर जीएसटी नंबर होना जरूरी है। नए फरमान से शिक्षकों की परेशानी बढ़ गई हैं। उनका कहना है कि विभाग के फरमान शिक्षकों की परेशानी बढ़ाने वाला है। शिक्षक परचून की दुकान पर घूमते रहेंगे। जिले में यह है स्थिति :

प्राइमरी स्कूल 423

बच्चों की संख्या 53516

अपर प्राइमरी स्कूल 291

बच्चों की संख्या 30146

स्कूलों में भेजा राशन

चावल 3190 क्विटल

आटा 1291 क्विटल

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मिड डे मील राशन स्कूलों में भेजने की सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई है। एजेंसी को सप्लाई करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही स्कूल प्राचार्य व इंचार्ज को निर्देश दिए गए है कि वे राशन लेते समय अपने सामने वजन अवश्य कराए। ताकि बाद में कोई परेशानी नहीं हो।

-बिजेंद्र नरवाल, जिला शिक्षा अधिकारी, सोनीपत


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