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आंदोलन स्थल पर बढ़ रही भीड़, संक्रमण का खतरा बढ़ा

कुंडली में कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन स्थल पर सहयोग दिवस मनाने के लिए एक बार फिर से भीड़ जुटने लगी है। कभी भी यह भीड़ कोरोना संक्रमण का हाट स्पाट भी बन सकती है क्योंकि आंदोलनकारी कोरोना को लेकर पूरी तरह से लापरवाही बरत रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Apr 2021 07:31 PM (IST)Updated: Fri, 16 Apr 2021 07:31 PM (IST)
आंदोलन स्थल पर बढ़ रही भीड़, संक्रमण का खतरा बढ़ा
आंदोलन स्थल पर बढ़ रही भीड़, संक्रमण का खतरा बढ़ा

फोटो-25,

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कृषि कानूनों पर रार

- आंदोलनकारी नहीं करा रहे कोरोना की जांच, खांसी-बुखार के लक्षण आ रहे सामने

- जिला प्रशासन की ओर से नियमित जांच के लिए तैनात की गई है चिकित्सकों की टीम

- डाक्टरों की टीम बीमारों के लिए दवा भी उपलब्ध कराती है, लेकिन लोग नहीं कराते जांच जागरण संवाददाता, सोनीपत : कुंडली में कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन स्थल पर सहयोग दिवस मनाने के लिए एक बार फिर से भीड़ जुटने लगी है। कभी भी यह भीड़ कोरोना संक्रमण का हाट स्पाट भी बन सकती है, क्योंकि आंदोलनकारी कोरोना को लेकर पूरी तरह से लापरवाही बरत रहे हैं। शारीरिक दूरी और मास्क तो कहीं नजर नहीं आते हैं। बीमार होने के बावजूद आंदोलनकारी कोरोना की जांच नहीं करवा रहे हैं और न ही टीकाकरण के प्रति ही उत्साह दिखा रहे हैं, जबकि आंदोलन स्थल पर बुजुर्ग व 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों की संख्या ज्यादा है।

देश-प्रदेश के साथ-साथ जिले में भी कोरोना संक्रमण की रफ्तार तेज हो गई है। हर चौथे-पांचवें दिन नए संक्रमितों की संख्या दोगुनी हो रही है। प्रशासन ने इस रफ्तार को कम करने के लिए नाइट क‌र्फ्यू लगाने के साथ ही भीड़-भाड़ को नियंत्रित करने के भी आदेश जारी किए हैं, लेकिन आंदोलन स्थल पर इसको लेकर बड़ी लापरवाही बरती जा रही है। एक जगह इतनी भीड़ एकत्रित होने से यहां कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। प्रशासन के अनुसार कुंडली बार्डर पर इन दिनों 15 से 20 हजार की भीड़ है और टीकरी बार्डर पर भी इतनी ही भीड़ बताई जा रही है। बदलते मौसम और बढ़ती गर्मी के बीच इन धरनास्थल पर बीमारों की संख्या भी दिनोंदिन बढ़ रही है। इनमें बुखार, सर्दी-जुखाम, ब्लड प्रेशर के मरीज भी खूब सामने आ रहे हैं। कोरोना के लक्षण वाले मरीज भी सामने आते हैं, लेकिन कोई जांच नहीं करवाते हैं। ऐसे में कभी ये आंदोलन स्थल कोरोना के हाट स्पाट भी बन सकते हैं।

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आंदोलन स्थल पर बढ़ रही है बुखार पीड़ितों की संख्या

कुंडली के आंदोलन स्थल पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगाए गए कैंप में रोजाना 200 से ज्यादा मरीज आ रहे हैं। इनमें से करीब 50 प्रतिशत मरीज बुखार से पीड़ित आ रहे हैं। उपायुक्त श्यामलाल पूनिया ने बताया कि धरनास्थल पर 106 लोगों को पैरासिटामोल की टेबलेट दी गई है। साथ ही 116 लोगों को विटामिन-सी और 71 को बी-कांपलैक्स की टेबलेट दी गई है। लगातार बुखार पीड़ितों के सामने आने के बावजूद यहां आंदोलनकारी कोरोना की जांच नहीं करवा रहे हैं। बहादुरगढ़ के उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संजीव मलिक ने बताया कि यहां पांच मेडिकल कैंप चल रहे हैं। रोजाना बुखार से पीड़ित मरीज सामने आ रहे हैं, लेकिन अनुरोध के बावजूद कोई भी कोरोना की जांच नहीं करवा रहे हैं।

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टीकरी बार्डर पर बंद हुआ टीकाकरण कैंप कोरोना से बचाव के लिए प्रशासन की ओर से आंदोलनकारियों को टीका लगवाने का अनुरोध किया जा रहा है और आंदोलन स्थल पर इसके लिए कैंप भी लगाए गए, लेकिन आंदोलनकारी इसके प्रति उदासीनता बरत रहे हैं। टीकरी बार्डर पर तो अब टीकाकरण कैंप ही बंद करना पड़ा है। बहादुरगढ के उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. मलिक ने बताया कि एक भी व्यक्ति के नहीं आने के कारण टीकाकरण कैंप बंद करना पड़ा है। फिलहाल बार्डर पर पांच मेडिकल कैंप चल रहे हैं और यहां भी बुखार, सर्दी-जुखाम के मरीज ज्यादा आ रहे हैं। इसके इतर कुंडली बार्डर पर टीकाकरण कैंप तो चल रहा है, लेकिन बहुत ही कम लोग आ रहे हैं। बढ़खालसा सीएचसी की एसएमओ डा. अवीनता कौशिक ने बताया कि एक माह से चल रहे दो कैंप में अब तक करीब एक हजार आंदोलनकारियों ने ही टीका लगवाया है। आंदोलनकारी न तो टीकाकरण के प्रति रुचि दिखा रहे हैं और न ही कोरोना जांच के लिए आगे आ रहे हैं। इस संबंध में उन्हें बार-बार जागरूक भी किया जाता है।


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