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ई-नीलामी का बना मजाक, सवा 14 हजार के प्लाट की बोली 50 लाख रुपये प्रति वर्गगज लगाई

आइएमटी खरखौदा में प्लाटों की ई-नीलामी में 14200 रुपये प्रति वर्ग के बेस प्राइज वाले साढ़े चार सौ वर्गगज के एक प्लाट की बोली ने अधिकारियों और बोलीदाताओं को हैरान कर दिया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 27 Jan 2022 07:27 PM (IST)Updated: Thu, 27 Jan 2022 07:27 PM (IST)
ई-नीलामी का बना मजाक, सवा 14 हजार के प्लाट की बोली 50 लाख रुपये प्रति वर्गगज लगाई
ई-नीलामी का बना मजाक, सवा 14 हजार के प्लाट की बोली 50 लाख रुपये प्रति वर्गगज लगाई

संवाद सहयोगी, खरखौदा : आइएमटी, खरखौदा में प्लाटों की ई-नीलामी में 14200 रुपये प्रति वर्ग के बेस प्राइज वाले साढ़े चार सौ वर्गगज के एक प्लाट की बोली ने अधिकारियों और बोलीदाताओं को हैरान कर दिया। एक बोलीदाता ने इस प्लाट की बोली 50 लाख रुपये प्रति वर्गगज की लगाई। हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं बुनियादी ढांचा विकास निगम (एचएसआइआइडीसी) की तरफ से बृहस्पतिवार को रखी गई आनलाइन नीलामी में शामिल अन्य बोलीदाताओ ने इस पर आपत्ति जताई। इसके बाद अधिकारयों ने आशंका जताई है कि या तो बोलीदाता से हजार की बजाया लाख में बोली लग गई या किसी ने साइट से छेड़छाड़ की है। अधिकारी जांच कर कार्रवाई की बात कह रहे हैं।

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खरखौदा आइएमटी में मारुति के निवेश की बात सामने आने पर बड़े कारोबारी यहां जमीन खरीदने के इच्छुक हैं। ई-नीलामी से एचएसआइआइडीसी विभिन्न वर्गों के प्लाटों का आवंटन कर रहा है। आइएमटी, खरखौदा के साढ़े चार सौ वर्ग गज के 250 प्लाटों की बृहस्पतिवार को ई-नीलामी के माध्यम से बोली रखी गई थी। इस प्लाट का बेस प्राइज 14 हजार दो सौ रुपये था, एक बोलीदाता ने 50 लाख रुपये प्रति वर्गगज की बोली लगाई। इस पर कई बोलीदाताओं ने विरोध जताया। आइएमटी खरखौदा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन प्रधान राजीव दहिया ने आपत्ति जताते हुए विभाग के आला अधिकारियों को इस मामले में संज्ञान लेने की बात कही और इस ई-नीलामी को रद कर दोबारा से प्लाटों की नीलामी करने की मांग उठाई। वहीं मामला सामने आने पर अधिकारी या तो बोलीदाता से हजार की बजाय लाख में बोली लगने की या किसी ने साइट से छेड़छाड़ करने की आशंका जता रहे हैं। अधिकारियों ने जांच कर कार्रवाई करने की बात कही है।

वरिष्ठ अधिकारी मामले में संज्ञान लेते हुए जांच करेंगे और जो भी दोषी होगा उस पर नियम अनुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। विभाग की ई-आक्शन प्रक्रिया इतनी सुरक्षित होती है कि एकदम से इस आनलाइन प्रक्रिया की जांच करना किसी के लिए भी संभव नहीं है कि किसने और कितनी बोली लगाई है। जांच में इसका पता चलेगा।

- अरुण गर्ग, सहायक प्रबंधक, एचएसआइआइडीसी


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