पोर्टल बंद होने से क्रय केद्रों पर गेहूं की खरीद ठप
जागरण संवाददाता, मोदीनगर : पिछले साल की तरह इस बार भी रिकॉर्ड गेहूं खरीदने की राह फिलहाल मुश्किल दिख
जागरण संवाददाता, मोदीनगर : पिछले साल की तरह इस बार भी रिकॉर्ड गेहूं खरीदने की राह फिलहाल मुश्किल दिख रही है। हालत यह है कि किसानों की 80 फीसद फसल कट चुकी है, लेकिन अधिकांश कस्बों के क्रय केंद्रों पर अब तक भी गेहूं खरीदना शुरू नहीं किया गया है। जबकि किसान गेहूं बेचने के लिए क्रय केंद्रों पर पहुंच रहे हैं। किसानों को पोर्टल बंद होने के कारण रजिस्ट्रेशन नहीं होने के चलते लौटाया जा रहा है।
निवाड़ी, पतला क्रय केंद्रों पर 100-100 टन गेहूं खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, लेकिन पिछले दो सप्ताह से इन दोनों क्रय केंद्रों पर मात्र 20 क्विंटल के आसपास गेहूं ही खरीदा गया है। हालांकि, किसान रोजाना इन केंद्रों पर गेहूं लेकर पहुंच रहे हैं, लेकिन उन्हें रजिस्ट्रेशन कराकर लाने के लिए कहा जाता है। जहां जन सेवा केंद्र वाले उन्हें पोर्टल बंद होने की बात बताकर वापस भेज देते हैं। बता दें कि इस समय 80 फीसद गेहूं की फसल कटने के बाद किसानों के घरों में पहुंच गई है। इसके बावजूद पोर्टल का सही से काम न करना सरकार की मंशा पर सवाल खड़े कर रहा है। दो सप्ताह तक चक्कर लगाकर परेशान होने वाले अधिकांश किसानों ने अपना गेहूं औने पौने भाव में निजी आढ़तियों को बेच भी दिया है। किसानों का मिल से गन्ने का भुगतान नहीं हुआ है। इसलिए किसानों को इस समय पैसे की सख्त जरूरत है। किसानों का कहना है कि यदि सरकार को उनका गेहूं खरीदना है तो सरकार इसके लिए आसान प्रक्रिया करे। रजिस्ट्रेशन आदि की प्रक्रिया यदि रखनी भी है तो इसके लिए कंप्यूटर, ¨प्रटर, इंटरनेट की व्यवस्था केंद्र पर ही होनी चाहिए। रजिस्ट्रेशन के लिए भी लगता है पैसा
गेहूं बेचने के लिए किसानों को विभागीय पोर्टल पर पहले रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है। रजिस्ट्रेशन के लिए उन्हें या तो साइबर कैफे या फिर जन सेवा केंद्र पर जाना पड़ता है। जहां उनसे इसके लिए 50-100 रुपये तक वसूले जाते हैं। रजिस्ट्रेशन के बाद उन्हें रसीद मिलती है जिसे गेहूं क्रय केंद्र पर जमा करना पड़़ता है। -इनका कहना है:
बिना पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के गेहूं खरीदना संभव नहीं है। गेहूं बेचने के लिए किसान को यह प्रक्रिया करनी होती है। सुना है आज पोर्टल ने काम किया है। दो, तीन किसानों के गेहूं खरीदे भी गए हैं। अपने स्तर से हम कहीं भी लापरवाही नहीं बरत रहे हैं।
-सुबोध कुमार, प्रभारी गेहूं क्रय केंद्र(निवाड़ी)