सक्रिय क्षय रोग खोज कार्यक्रम में मिले 61 नए रोगी
जागरण संवाददाता, हापुड़ : सक्रिय क्षय रोग खोज कार्यक्रम (एसीएफ) में मात्र 10 दिन में 61 नए टीबी के रो
जागरण संवाददाता, हापुड़ : सक्रिय क्षय रोग खोज कार्यक्रम (एसीएफ) में मात्र 10 दिन में 61 नए टीबी के रोगियों की खोज की गई है। सबसे अधिक 19 मरीज टीबी यूनिट पिलखुवा क्षेत्र में मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग ने सभी रोगियों का उपचार शुरू कर दिया है।
जिले में टीबी के मरीजों को खोजने के लिए 11 जून 2018 से सक्रिय क्षय रोग खोज कार्यक्रम शुरू हुआ था। स्वास्थ्य विभाग ने कार्यक्रम में 58 टीमें लगाई थीं। टीमों ने टीबी यूनिट बक्सर, वैट, सरूरपुर, हिम्मतपुर, फूलडरी, दहपा आजमपुर, हिम्मत नगर, मौहल्ला रमपुरा, अशोक नगर, छि²दापुरी, स²दीकपुरा, किला कोना, सिकन्दर गेट, पुराना बाजार, कोठला, फूलगढ़ी तथा मोरपुरा के तहत दूरगामी ग्रामों, एमडीआर रोगियों के सम्पर्क में आने वाले लोगों के चि¨हत क्षेत्र, एचआईवी ग्रसित रोगियों के आसपास पड़ने वाले क्षेत्र के तहत निर्माणाधीन क्षेत्र वर्कर क्षेत्र, भटटा ईंट वर्कर क्षेत्र एवं कुपोषित ग्रामों को चि¨हत किया गया। यूनिट पिलखुवा क्षेत्र में टीबी के 19 मरीजों की खोज की गई। इस दौरान टीमें कुल एक लाख छियासठ हजार नौ सौ छह लोगों से मिलीं। टीबी के लक्षण मिलने पर 1405 लोगों की जांच कराई। जांच के बाद मात्र 61 नए मरीज मिले हैं। कार्यक्रम में टीमों ने रोजाना जिले को रिपोर्ट दी और जिला मुख्यालय से शासन को रिपोर्ट भेजी गई।
इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. राजवीर ¨सह ने बताया कि टीबी के बैक्टीरिया सांस द्वारा शरीर में प्रवेश करते हैं। किसी रोगी के खांसने, बात करने, छींकने या थूकने के समय बलगम व थूक की बहुत ही छोटी-छोटी बूंदें हवा में फैल जाती हैं, जिनमें उपस्थित बैक्टीरिया कई घंटों तक हवा में रह सकते हैं और स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में सांस लेते समय प्रवेश करके रोग पैदा करते हैं। वहीं जिला क्षय अधिकारी डॉ. राजेश ¨सह ने बताया कि शासन की मंशा है कि पूरे देश को टीबी की बीमारी से मुक्त किया जाए।
इस अवसर पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी, टीबी विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डा. सुनील गुप्ता, डा. योगेश गुप्ता, जिला कार्यक्रम समन्वयक दीपक शर्मा, वरिष्ठ क्षय रोग लैब पर्यवेक्षक बिज्रेश कुमार, पीपीएम कोडिनेटर सुशील चौधरी, डा. महेश चन्द, सलौनी ¨जदल आदि मौजूद रहे।