Move to Jagran APP

काला जठेड़ी के पास भी पहुंचा फर्जी पासपोर्ट

पंजाब पुलिस के हेड कांस्टेबल राजेंद्र से हुई शुरुआती पूछताछ ने ही एसटीएफ की सिरदर्दी बढ़ा दी है। आरोपित ने स्वीकार किया है कि वह 57 से ज्यादा शातिरों को फर्जी पासपोर्ट उपलब्ध करा चुके हैं इनमें 44 से ज्यादा लारेंस बिश्नोई और काला जठेड़ी गैंग से जुड़े गुर्गे हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 06 Jan 2021 07:23 PM (IST)Updated: Wed, 06 Jan 2021 07:23 PM (IST)
काला जठेड़ी के पास भी पहुंचा फर्जी पासपोर्ट
काला जठेड़ी के पास भी पहुंचा फर्जी पासपोर्ट

डीपी आर्य, सोनीपत

loksabha election banner

पंजाब पुलिस के हेड कांस्टेबल राजेंद्र से हुई शुरुआती पूछताछ ने ही एसटीएफ की सिरदर्दी बढ़ा दी है। आरोपित ने स्वीकार किया है कि वह 57 से ज्यादा शातिरों को फर्जी पासपोर्ट उपलब्ध करा चुके हैं, इनमें 44 से ज्यादा लारेंस बिश्नोई और काला जठेड़ी गैंग से जुड़े गुर्गे हैं। इस वजह से एसटीएफ मान रही है कि काला जठेड़ी के पास भी फर्जी पासपोर्ट पहुंच गया होगा। हालांकि अभी तक की जांच में उसके विदेश जाने की पुष्टि नहीं हुई है।

पंजाब में फर्जी पासपोर्ट तैयार कराने वाला पूरा गैंग सक्रिय है। इसमें फर्जी कागजात तैयार कराने, जांच कर सत्यापन कराने, पासपोर्ट आफिस से उसको पास कराने और पासपोर्ट प्रिट कराकर आरोपितों तक पहुंचाने का काम अलग-अलग लोगों में बंटा हुआ है। इसमें फर्जी पते को सत्यापित कर सही ठहराना और जांच पूरी कराकर पासपोर्ट आफिस भिजवाने का काम राजेंद्र का था। उसने एसटीएफ को बताया कि उनका गैंग 57 से ज्यादा शातिरों के फर्जी पासपोर्ट तैयार कराकर उपलब्ध करा चुका है। इनमें करीब 44 पासपोर्ट बिश्नोई और जठेड़ी गैंग के सदस्यों के हैं। इनमें एक राजू बसौदी का भी था। गैंग के सदस्यों के नाम बताने में असमर्थता जताते हुए उसने कहा कि सभी के नाम बदले होने से असली का पता नहीं होता। अब एसटीएफ जांच कर रही है कि फर्जी पासपोर्ट बनवाने वालों में से कितने विदेश जा चुके हैं?

विदेश में बैठे गुर्गे जांच एजेंसियों को कर रहे भ्रमित :

लारेंस बिश्नोई और काला जठेड़ी के विदेशों में बैठे गुर्गे जांच एजेंसियों को परेशान कर रहे हैं। गैंग के सदस्य आपस में बात करने के लिए भी पहले विदेश में बैठे अपने गुर्गे को फोन करते हैं। फिर वहां से कांफ्रेंस कॉल के जरिए दूसरे सदस्य को जोड़ा जाता है और आपस में बातचीत होती है। ऐसे में जांच एजेंसियों को पता ही नहीं चल पाता कि कॉल देश से की जा रही है या विदेश से। ऐसी ही कॉल से गैंग का धंधा चल रहा है।

छवि बचाने में जुटी पंजाब पुलिस :

एसटीएफ के जिला प्रभारी सतीश देशवाल ने बताया कि फर्जी पासपोर्ट बनाने की रिपोर्ट 2019 में दर्ज की गई थी। इसमें 2020 में पंजाब पुलिस का नाम सामने आया। हमारी टीम जांच के लिए पंजाब के जीरकपुर थाने पहुंची और संदिग्ध पुलिसकर्मियों की जांच शुरू की। इसके तत्काल बाद जीरकपुर पुलिस ने भी रिपोर्ट दर्ज कर ली। उसने फर्जी पासपोर्ट के धंधे में शामिल मुंशी सुखविदर को जेल भेज दिया और गैंग के सदस्य राजेंद्र को बचाने का प्रयास किया। उन्होंने बताया कि राजेंद्र की गिरफ्तारी के बाद अब सुखविदर को प्रोडक्शन वारंट पर लाया जाएगा। पंजाब पुलिस के कई मुलाजिम इसमें शामिल हैं, अब वह अपनी छवि बचाने का प्रयास कर रहे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.