श्रमिकों के घर जाने से फैक्ट्री मालिकों की चिता बढ़ी
हरियाणा से अपने घरों को लौट रहे प्रवासी मजदूरों के चेहरे तो खिले हैं लेकिन फैक्ट्री मालिकों के माथे पर चिता की लकीरें उभर आई हैं। श्रमिकों को उनके घर वापस भेजने के लिए विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं। राज्यों की मांग पर केंद्र सरकार ने ट्रेन से मजदूरों और दूसरे लोगों को वापस भेजने की अनुमति दी है।
संवाद सहयोगी, राई : हरियाणा से अपने घरों को लौट रहे प्रवासी मजदूरों के चेहरे तो खिले हैं लेकिन फैक्ट्री मालिकों के माथे पर चिता की लकीरें उभर आई हैं। श्रमिकों को उनके घर वापस भेजने के लिए विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं। राज्यों की मांग पर केंद्र सरकार ने ट्रेन से मजदूरों और दूसरे लोगों को वापस भेजने की अनुमति दी है। राई, कुंडली, बहालगढ़, नाथूपुर,लिवासपुर, मुरथल इंडस्ट्रियल एरिया की फैक्ट्रियों में काम करने वाले हजारों श्रमिकों ने अपने घर जाने के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है लेकिन सवाल यह है कि कुछ दिन जब फैक्ट्रियां शुरू होंगी तो उनमें काम कौन करेगा। ।
राई इंडस्ट्रियल मेन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन के प्रधान राकेश देवगन का कहना है कि इतनी बड़ी संख्या में मजदूर घरों की ओर जा रहे तो इससे सीधा-सीधा असर उद्योंगों पर पड़ेगा। रीमा की ओर से मजदूरों का समझाया जा रहा है कि उनके रहने और खाने की व्यवस्था फैक्ट्री मालिक करेंगे लेकिन कुछ मजदूरों का कहना है कि उनका घर जाना जरूरी है, कोरोना महामारी खत्म होने पर वो फिर से आने की बात कह रहे हैं।