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नाम बदल कर लिखे माडल संस्कृति स्कूल, सुविधा कोई नहीं

शिक्षा विभाग की राजकीय माडल संस्कृति स्कूल शुरू करने की अहम योजना है। यह योजना करीब सवा साल से फाइलों में अटकी हुई है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 06:37 PM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 06:37 PM (IST)
नाम बदल कर लिखे माडल संस्कृति स्कूल, सुविधा कोई नहीं
नाम बदल कर लिखे माडल संस्कृति स्कूल, सुविधा कोई नहीं

जागरण संवाददाता, गोहाना : शिक्षा विभाग की राजकीय माडल संस्कृति स्कूल शुरू करने की अहम योजना है। यह योजना करीब सवा साल से फाइलों में अटकी हुई है। पुराने स्कूलों के नाम मिटा कर उनकी जगह माडल संस्कृति स्कूल जरूर लिखवा दिए गए हैं, लेकिन वे वास्तविक रूप से शुरू नहीं हुए हैं। स्कूलों अब तक न तो जरूरी सामान आया है और न ही स्टाफ की नियुक्ति हुई है। इन स्कूलों में पहले की तरह ही पढ़ाई हो रही है। विद्यार्थियों का माडल संस्कृति स्कूलों में पढ़ने का सपना कब तक पूरा होकर कुछ कहा नहीं जा सकता है।

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मुख्यमंत्री मनोहर लाल की घोषणा के अनुसार शिक्षा विभाग द्वारा राजकीय माडल संस्कृति शुरू किए जाने हैं। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद विद्यालय शिक्षा निदेशालय द्वारा अपने अधिकारियों को सितंबर, 2020 में दिशा-निर्देश जारी किए थे। शुरुआत में खंड स्तर पर एक राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल को राजकीय माडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल में बदल कर शुरू किया जाना है। गोहाना में मुंडलाना, कथूरा और गोहाना खंडों से अधिकारिक रूप से एक-एक राजकीय स्कूल को यह दर्जा दिया गया। इसी तरह से प्राथमिक स्कूलों को भी माडल संस्कृति स्कूल बनाया गया। गोहाना में गांव बरोदा और गांव मदीना के स्कूलों के द्वारों पर राजकीय माडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय स्कूल लिखवाया जा चुका है। सेक्टर सात स्थित स्कूल के प्रवेश द्वारा भी राजकीय माडल संस्कृति प्राथमिक स्कूल लिखवाया जा चुका है। इसी तरह से दूसरे कई स्कूलों पर भी यह नाम लिखे जा चुके हैं। माडल संस्कृति स्कूल सीबीएसई से मान्यता प्राप्त होंगे। यहां पर सीबीएसई की तर्ज पर ही पढ़ाई होनी है। सवा साल बीत जाने के बाद भी विभाग इन स्कूलों में तैनात किए जाने वाले शिक्षकों का चयन तक नहीं कर पाया है। स्कूलों के विकास की योजना पर काम नहीं हो रहा है। अंग्रेजी माध्यम में होगी पढ़ाई और लगेगी फीस :

माडल संस्कृति स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई होगी। इन स्कूलों में दाखिले के साथ मासिक फीस लगेगी। इन स्कूलों में पहली से पांचवीं तक दाखिलों पर 500 रुपये और छठी से बारहवीं तक 1,000 रुपये फीस लगेगी। इसके साथ ही कक्षाओं के हिसाब से 200 से 500 रुपये तक मासिक फीस लगेगी। विभाग की अप्रैल 2021 में बच्चों के दाखिले कर माडल संस्कृति स्कूल शुरू करने की योजना थी। विभाग अब अप्रैल, 2022 में इन स्कूलों को शुरू करने की तैयारी कर रहा है।

कोरोना महामारी के चलते सभी तरह के काम प्रभावित हुए हैं। राजकीय माडल संस्कृति स्कूलों के संबंध में मुख्यालय या अधिकारियों से जो निर्देश मिलेंगे उसके अनुसार काम करवाया जाएगा।

सरोज बाल्याण, खंड शिक्षा अधिकारी, गोहाना


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