गोहाना में एमएसपी से डेढ़ गुना अधिक भाव पर बिक रही कपास
जिले में इन दिनों कपास न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से करीब डेढ़ गुना अधिक भाव पर बिक रही है। इसका मुख्य कारण कपास का रकबा घटना और बारिश से जलभराव होने से उत्पादन कम होना है।
जागरण संवाददाता, गोहाना : जिले में इन दिनों कपास न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से करीब डेढ़ गुना अधिक भाव पर बिक रही है। इसका मुख्य कारण कपास का रकबा घटना और बारिश से जलभराव होने से उत्पादन कम होना है। कपास के अच्छे भाव जलभराव से फसल में हुए नुकसान से किसानों को राहत दे रहे हैं। जिले में मुख्य रूप से इन दिनों गोहाना की अनाजमंडी में किसान कपास लेकर पहुंच रहे हैं। यहां कपास 8500 से 9000 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर बिक रही है।
सरकार द्वारा छोटे रेशे की कपास का एमएसपी 5825 रुपये और लंबे रेशे की कपास का एमएसपी 6025 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। गोहाना क्षेत्र में किसान मुख्य रूप से लंबे रेशे वाली कपास उगाते हैं। 2020-21 के सीजन तक किसानों को कपास एमएसपी पर बेचने के लिए आंदोलन करने पर मजबूर होना पड़ता था तो अबकी बार हालात अलग हैं। एक जिले में कपास का रकबा कम हो गया और दूसरा सितंबर-अक्टूबर में बारिश से खेतों में जलभराव होने से फसल में बड़े स्तर पर नुकसान हुआ। जलभराव से उत्पादन कम हुआ। इस बार कपास कम होने से बाजार में रुई के भाव तेज हैं। व्यापारी कपास से बिनौला निकाल कर रुई बेचते हैं तो उन्हें अच्छे भाव मिल रहे हैं। कपास की कमी से प्रतिस्पर्धा बढ़ गई और व्यापारी किसानों की फसल के अच्छे भाव लगा रहे हैं। मौसम की मार से इस बार कपास की गुणवत्ता अपेक्षाकृत अच्छी नहीं है लेकिन उसके बावजूद किसानों को अच्छे भाव मिल पा रहे हैं। गोहाना की अनाज मंडी में अब तक जितनी कपास आई है उसकी प्राइवेट खरीद हुई है। अक्टूबर, 2021 के शुरुआत में अनाजमंडी में कपास 6400 रुपये से 7200 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर बिक रही थी। बाद में भावों में थोड़ा उछाल आया था। नवंबर में किसान धान की कटाई और गेहूं की बिजाई में व्यस्त हो गए थे, जिससे बहुत कम किसान की मंडी में कपास लेकर आते थे। किसान अब अपनी बची हुई कपास को अनाज मंडी लेकर पहुंच रहे हैं। एक सप्ताह से अनाम मंडी में औसतन 250 क्विंटल कपास की आवक हो रही है।
जिले में कपास के रकबे की स्थित
2020-21 में किसानों ने 6050 हेक्टेयर में कपास उगाई थी। 2021-22 में 4850 हेक्टेयर में कपास उगाई गई। इस सीजन में जिले में करीब 1200 हेक्टेयर का रकबा घट गया। सितंबर और अक्टूबर में जलभराव से कपास समेत सभी फसलों में नुकसान हुआ था। गोहाना अनाज मंडी में कपास की आवक
2019-20 में 67078 क्विंटल
2020-21 में 81154 क्विंटल
2021-22 में 18200 क्विंटल (अब तक) कपास की कमी बनी हुई है। बाजार में रुई के अच्छे भाव हैं। रुई बाजार में करीब 20,000 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर बिक रही है। इस बार मौसम खराब होने से कपास का उत्पादन कम हुआ और गुणवत्ता अपेक्षाकृत ठीक नहीं है। गुणवत्ता अच्छी हो तो इससे भी अधिक भाव मिल सकते हैं।
- प्रेम, अनाजमंडी के व्यापारी
अनाजमंडी में कपास की खरीद प्राइवेट एजेंसियां कर रही हैं। कपास अधिकतम 9000 रुपये क्विंटल के भाव पर बिक चुकी है। मंडी में इस बार कपास की आवक कम हुई है, जिससे व्यापारी ठीक भाव लगा रहे हैं।
- दीपक लोहचब, सचिव, हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड, गोहाना