Move to Jagran APP

812 गुम रसीदों में छुपा हो सकता है घोटाले का बड़ा राज

महिला विश्वविद्यालय में 2017 के पहले कर्मचारियों द्वारा मार्केट के किराये बिजली बिलों विद्यार्थियों के फार्मों की फीस नौकरियों के आवेदनों की फीस परीक्षा फीस आरटीआइ की फीस विद्यार्थियों पर लगने वाले जुर्माने और लेट फीस की रसीद हाथ से काटी जाती थी।

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Apr 2021 06:02 PM (IST)Updated: Sun, 18 Apr 2021 06:02 PM (IST)
812 गुम रसीदों में छुपा हो सकता है घोटाले का बड़ा राज
812 गुम रसीदों में छुपा हो सकता है घोटाले का बड़ा राज

जागरण संवाददाता, गोहाना: गांव खानपुर कलां स्थित बीपीएस महिला विश्वविद्यालय में हुए घोटाले में अभी कई राज खुलने बाकी हैं। विभिन्न तरह के शुल्कों की जारी की गई 812 रसीदों को अब गुम दिखाया जा रहा है। भेद खुलने के डर से विश्वविद्यालय के अधिकारी और कर्मचारी गुम और अन्य रिकार्ड उपलब्ध कराने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। गुम रसीदों में घोटाले का बड़ा राज छुपा हो सकता है। विश्वविद्यालय के उच्च अधिकारियों से भी सहयोग नहीं मिलने पर जांच अधिकारी ने परेशान होकर मुकदमा दर्ज करवाया।

loksabha election banner

महिला विश्वविद्यालय में 2017 के पहले कर्मचारियों द्वारा मार्केट के किराये, बिजली बिलों, विद्यार्थियों के फार्मों की फीस, नौकरियों के आवेदनों की फीस, परीक्षा फीस, आरटीआइ की फीस, विद्यार्थियों पर लगने वाले जुर्माने और लेट फीस की रसीद हाथ से काटी जाती थी। 2017 में आनलाइन फीस जमा करवाने के साथ ही घोटाले का खेल शुरू हो गया। आनलाइन फीस जमा कराने के लिए डाटा एंट्री आपरेटर ने साफ्टवेयर बनाया। लेखा शाखा के कर्मचारी विभिन्न तरह के शुल्कों की रसीदें साफ्टवेयर से काट कर देने लगे। आवेदक तो रसीद लेकर चले जाते लेकिन बाद में कुछ रिकार्ड को साफ्टवेयर से डिलीट कर दिया जाता। कर्मचारी शुल्कों के रुपये को अपनी जेब में डाल लेते थे। कर्मचारियों में मतभेद होने पर घोटाला उजागर हुआ। सरकार द्वारा मार्च, 2020 में घोटाले की जांच मुख्यमंत्री उड़नदस्ता रोहतक की टीम को सौंपी। जांच अधिकारी कर्मबीर सिंह ने प्रारंभिक जांच में पाया कि 812 रसीदें कंप्यूटर द्वारा काटी गर्इं लेकिन उन्हें गुम दिखाया जा रहा है। दस माह तक जांच अधिकारी विश्वविद्यालय के अधिकारियों से संपर्क करते रहे लेकिन उनको गुम रसीदों की राशि या संबंधित रिकार्ड ही उपलब्ध नहीं करवाया गया। रसीदों का रिकार्ड मिलने पर घोटाले के राज खुल सकते हैं। वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन इस घोटाले की अपने स्तर पर भी जांच करवा चुका है।

महिला थाना के अधिकारियों के सामने चुनौती

मुख्यमंत्री उड़नदस्ते के जांच अधिकारी दस माह तक विश्वविद्यालय के अधिकारियों चक्कर लगाते रहे लेकिन रिकार्ड उपलब्ध नहीं करवाया। रिकार्ड नहीं मिलने से जांच पूरी नहीं हो पाई। जांच अधिकारी ने विश्वविद्यालय की रजिस्ट्रार डा. रितु बजाज, वर्तमान में फाइनेंस अधिकारी राजेश मनोचा और चार कर्मचारियों के खिलाफ धोखाधड़ी और साजिश का मामला दर्ज करवाया। मामला महिला थाना खानपुर कलां में दर्ज करवाया। अब महिला थाना के अधिकारियों के सामने घोटाले के राज खोलने की चेतावनी रहेगी।

-----

विश्वविद्यालय प्रशासन ने कमेटी गठित करके जांच करवाई थी। कमेटी रिपोर्ट दे चुकी है। रिपोर्ट को विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद की बैठक में रखा जाएगा। फिलहाल रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है।

सुषमा यादव, कुलपति, बीपीएस महिला विश्वविद्यालय


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.