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खुलेआम वाहनों को बनाया जा रहा बेलगाम

वाहनों में मनमाने तरीके से बदलाव किया जा रहा है। कई वाहनों की बाडी में बदलाव कर जहां उनको सुंदर व आरामदायक बनाने का प्रयास होता है वहीं कई वाहनों का जुगाड़ बनाकर धड़ल्ले से सड़कों पर दौड़ाया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Jan 2021 10:45 PM (IST)Updated: Tue, 19 Jan 2021 10:45 PM (IST)
खुलेआम वाहनों को बनाया जा रहा बेलगाम
खुलेआम वाहनों को बनाया जा रहा बेलगाम

जागरण संवाददाता, सोनीपत : वाहनों में मनमाने तरीके से बदलाव किया जा रहा है। कई वाहनों की बाडी में बदलाव कर जहां उनको सुंदर व आरामदायक बनाने का प्रयास होता है, वहीं कई वाहनों का जुगाड़ बनाकर धड़ल्ले से सड़कों पर दौड़ाया जा रहा है। इनसे हादसों का डर बना रहता है। शहर में कई स्थानों पर जुगाड़ वाहन बनाने का धंधा चल रहा है। इनमें चोरी के वाहन भी खपाए जा रहे हैं। पुलिस और अधिकारी इनको देखकर भी कार्रवाई करने से बचते हैं। यही कारण है कि साल दर साल इनकी संख्या में इजाफा होता जा रहा है। यह हो रहे बदलाव

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पुरानी मोटरसाइकिल या स्कूटर का पीछे का हिस्सा काटकर मिस्त्री अलग कर देते हैं। उसके पीछे एक ठेलीनुमा ट्राली जैसा हिस्सा जोड़ दिया जाता है। इससे दो-पहिया वाहन को मालवाहक वाहन बना दिया जाता है। इसपर सब्जी, फल, सीमेंट, सरिया, पाइप, पटिया, रोडी-बदरपुर आदि लादकर धड़ल्ले से चलाया जाता है। कई लोगों ने पिछले हिस्से को सवारी वाहन के रूप में तैयार करा लिया है। ऐसे कराते हैं तैयार

कई मिस्त्री पुरानी और खटारा मोटरसाइकिल लेकर उसका जुगाड़ वाहन बना लेते हैं। वहीं कई बार इनमें चोरी और समय-सीमा बीत चुके वाहनों का प्रयोग किया जाता है। इन वाहनों के पीछे ट्राली तैयार कराने में 15 से 20 हजार रुपये का खर्च आता है। इसको आइटीआइ चौक, राई औद्योगिक क्षेत्र, कुंडली औद्योगिक क्षेत्र के साथ ही वेल्डिंग व लोहे का काम करने वाले सामान्य दुकानदार तैयार कर लेते हैं। यह है खतरा

इन वाहनों में ब्रेक ठीक से काम नहीं करते हैं। इनका संतुलन भी ठीक से नहीं बनता है। इन वाहनों का बीमा और प्रदूषण भी नहीं कराया जाता है। ऐसे में हादसा हो जाने पर बीमा क्लेम भी मिलना आसान नहीं है। कागज नहीं होने पर इनका चालान काटने से भी पुलिस-परिवहन विभाग के लोग बचते हैं। ऐसे में इनकी संख्या बढ़ती जा रही है। पूरे साल में ऐसे एक भी वाहन का चालान नहीं किया गया है। पुलिस इनको बनाने वालों पर भी कार्रवाई नहीं करती है। वहीं जिले में दो दर्जन से ज्यादा मिस्त्री बुलेट में पटाखे छोड़ने का सिस्टम लगाने के साथ ही कई तरह के बदलाव कर रहे हैं। इन बदलाव करने वालों पर कार्रवाई नहीं की जाती है।

वाहन चेकिग, चालान और अन्य कार्रवाई का तात्पर्य लोगों को सुरक्षा प्रदान करना है। इसके लिए पुलिस की ओर से लगातार अभियान चलाया जाता है। अब यातायात माह में भी इनपर अभियान को शामिल किया गया है। मानव जीवन की सुरक्षा से जुड़े इस क्षेत्र में सामाजिक जागरूकता का लाया जाना भी अनिवार्य है। हम उस क्षेत्र में भी कार्य करेंगे।

- प्रवीण कुमार सिंह, एसएचओ, थाना यातायात


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