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438 किसानों को बीमा कंपनी ने मुआवजा देने से मना किया

जागरण संवाददाता, सोनीपत: जिले के 664 किसानों का पहले प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत संबं

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Mar 2018 03:00 AM (IST)Updated: Sat, 24 Mar 2018 03:00 AM (IST)
438 किसानों को बीमा कंपनी ने मुआवजा देने से मना किया
438 किसानों को बीमा कंपनी ने मुआवजा देने से मना किया

जागरण संवाददाता, सोनीपत: जिले के 664 किसानों का पहले प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत संबंधित बैंकों में प्रीमियम काटा। बाद में जलभराव के कारण फसलों में काफी नुकसान हुआ। कृषि विभाग के अधिकारियों ने सर्वे करा बीमा कंपनी को मुआवजा देने के लिए रिपोर्ट भी भेज दी। इस पर बीमा कंपनी ने 226 किसानों को मुआवजा देकर हाथ खड़े कर लिए हैं। कृषि अधिकारियों का कहना है कि बीमा कंपनी के पास बाकी 438 किसानों की फसलों का बीमा होने का कोई रिकार्ड नहीं है, जबकि किसानों की फसल का बीमा था और उनकी फसल में नुकसान भी हुआ है, लेकिन बीमा कंपनी उन्हें मुआवजा देने से मना कर रही है।

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केंद्र सरकार ने 2016 में किसानों की फसलों में होने वाले प्राकृतिक आपदा से नुकसान की भरपाई कराने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू की थी। इसके तहत उन किसानों की फसलों का 1.5 प्रतिशत प्रीमियम काटने का फैसला लिया गया था, जिनका किसान क्रेडिट कार्ड बना हुआ है। यह प्रीमियम बैंकों द्वारा काटकर बजाज आलियांस बीमा कंपनी को दिया जाता है। योजना के तहत संबंधित बैंकों की ओर से रबी सीजन 2016-17 में जिले के 30 हजार 622 किसानों की फसलों का बीमा हुआ था। इन किसानों का बैंकों ने करीब 358 लाख रुपये प्रीमियम काटकर बीमा कंपनी को दिया था। इसमें जिले से का हजार 322 एकड़ एरिया कवर किया गया था। बीमा होने के कुछ ही दिन बाद 664 किसानों की फसल जलभराव के कारण खराब हो गई थी। बीमा कंपनी से मुआवजा पाने के लिए किसानों ने कृषि विभाग में आवेदन भी किए थे। इसे लेकर कृषि विभाग ने किसानों की फसल का सर्वे किया था। अधिकारियों ने बताया था कि फसल में काफी नुकसान हुआ था। उसी के अनुसार किसानों को मुआवजा मिलना है, जबकि बीमा कंपनी ने उन्हें लिखित में दिया है कि 226 किसानों को फसलों में नुकसान हुआ है, जिनको कंपनी ने 46 लाख 92 हजार 144 रुपये मुआवजा भी दे दिया। इसके अलावा बाकी किसानों की फसलों के बीमा होने का उनके पास कोई डाटा नहीं है। अगर उनका बैंकों ने पैसा काटा है तो वह निर्धारित समय के बाद काटा है। इसलिए किसानों को कंपनी मुआवजा नहीं दे सकती। इससे किसान काफी परेशान हैं। किसान मुआवजा लेने के लिए कृषि व प्रशासनिक अधिकारियों के कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं। 1240 किसानों को पिछले सीजन के अनुसार दिया मुआवजा

कृषि अधिकारियों का कहना है कि बीमा कंपनी की ओर से दो प्रकार से फसलों के नुकसान का आकलन लगाया जाता है। पहला जलभराव और दूसरा पिछले सीजन अनुसार गांव में हुआ नुकसान शामिल है। ऐसे में गांव आंवली, कटवाल, कथूरा व छपरा के 1240 किसानों का पिछले सीजन के एवरेज के अनुसार नुकसान का आकलन किया गया था। कंपनी ने लिखा है कि 1240 किसानों को 1 करोड़ 23 लाख 30 हजार 528 रुपये मुआवजा दे दिया है, जबकि अधिकतर किसान कृषि कार्यालय में मुआवजा न मिलने की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। जलभराव के कारण 664 किसानों की फसलों में काफी नुकसान हुआ था। विभाग की ओर से सर्वे करा उच्चाधिकारियों के अलावा बीमा कंपनी को मुआवजा देने की रिपोर्ट सौंपी थी। मगर बीमा कंपनी ने 226 किसानों को 46.92 लाख रुपये का मुआवजा दिया है। बाकी का रिकार्ड होने से मना कर दिया गया। अब किसान उनके पास मुआवजा के लिए आ रहे हैं। इसके लिए उच्चाधिकारियों को पत्र भेज दिया है।

देवेंद्र ¨सह लांबा, एएसओ, कृषि एवं कल्याण विभाग, सोनीपत


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