एसटीपी को अपग्रेड करने के लिए 12 बार लगाए टेंडर, नहीं मिली एजेंसी
जनस्वास्थ्य विभाग की शहर में बने दो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) को अपग्रेड करने की योजना सिरे नहीं चढ़ पा रही है।
जागरण संवाददाता, गोहाना : जनस्वास्थ्य विभाग की शहर में बने दो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) को अपग्रेड करने की योजना सिरे नहीं चढ़ पा रही है। विभाग द्वारा करीब दो साल के अर्से में 12 बार टेंडर लगाए जा चुके हैं लेकिन कड़ी शर्तों के चलते एक बार भी कोई एजेंसी काम करने के लिए आगे नहीं आई। विभाग के स्थानीय अधिकारियों ने टेंडर की शर्तों में कुछ ढील देने का प्रस्ताव बना कर मुख्यालय भेजा है। मुख्यालय से मंजूरी मिलने के बाद दोबारा टेंडर लगाया जाएगा।
जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा शहर से निकलने वाले दूषित पानी को शोधित करने के लिए दो एसपीटी तैयार करवा रखे हैं। एक एसपीटी गांव गुढ़ा के खेतों और दूसरा एसटीपी शहर में बरोदा रोड के बाईपास के निकट बना है। गांव गुढ़ा वाले एसटीपी में रोजाना करीब 83 लाख लीटर दूषित पानी और बाईपास के निकट के एसटीपी में 30 लाख लीटर पानी को शोधित किया जाता है। दोनों प्लांटों में शोधित किए जा रहे पानी की बॉयोलोजिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) 30 से कम है। इस पानी को किसान कृषि सिचाई में कम प्रयोग करते हैं। सरकार ने करीब ढाई साल पहले दोनों प्लांटों को अपग्रेड करने की मंजूरी दी थी। दोनों एसपीटी अपग्रेड होने के बाद इनमें शोधित होने वाले पानी की बीओडी 10 से कम रह जाएगी, जिसे किसान आसानी से सिचाई में प्रयोग कर सकेंगे। विभाग द्वारा करीब दो साल के अर्से में 12 बार टेंडर लगाए जा चुके हैं लेकिन शर्तें कड़ी होने के चलते कोई एजेंसी काम करने के लिए आगे नहीं आई। विभाग के स्थानीय अधिकारियों ने मुख्यालय से शर्तों में ढील देने की मांग की। इस संबंध में प्रस्ताव बना कर मुख्यालय भेजा गया है। वहां से मंजूरी मिलने के बाद दोबारा टेंडर लगाए जाएंगे। बजट भी बढ़ाया लेकिन एजेंसी नहीं मिली
विभाग द्वारा करीब दो साल पहले पहली बार टेंडर लगाया गया था, जब दोनों एसटीपी को अपग्रेड करने के लिए 3-3 करोड़ रुपये खर्चे जाने थे। कई बार टेंडर लगाए गए लेकिन कोई एजेंसी काम करने के लिए आगे नहीं आई। विभाग द्वारा जब 12वीं बार टेंडर लगाया तब दोनों एसटीपी पर 4-4 करोड़ रुपये की योजना बनाई गई लेकिन तब भी कोई एजेंसी काम करने के लिए आगे नहीं आई। दोनों एसटीपी को अपग्रेड करने के लिए 12 बार टेंडर लगाए गए लेकिन कोई एजेंसी काम करने के लिए नहीं आई। अधिकारियों से टेंडर की शर्तों की ढील देने की मांग की गई है। मंजूरी मिलने के बाद दोबारा टेंडर लगाए जाएंगे। एसपीटी अपग्रेड होने के बाद इनमें पानी का शोधन ओर बेहतर हो सकेगा। उस पानी को किसान सिचाई में प्रयोग कर सकेंगे।
- विक्रम सिंह मोर, कार्यकारी अभियंता, गोहाना, जनस्वास्थ्य विभाग