सकट चौथ पर संतान के लिए महिलाओं ने रखा व्रत
हिन्दू पंचांग के अनुसार माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर शुक्र
संवाद सूत्र, गोरीवाला : हिन्दू पंचांग के अनुसार माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर शुक्रवार को सकट चौथ का व्रत रखा गया। महिलाओं ने सुबह मंदिर में जाकर भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की और सकट चौथ पर भगवान गणेश की वंदना करते हुए देशभर से कोरोना रूपी संकट के खात्मे की दुआ मांगी। महिलाओं ने व्रत कथा सुनकर विधि विधान से पूजा की। रात को चंद्रोदय के दर्शन के बाद महिलाओं ने व्रत खोला। महिलाओं ने बताया कि सकट चौथ में महिलाएं अपनी संतान की लंबी आयु और घर में सुख समृद्धि की कामना के लिए दिन में उपवास रखती हैं। मान्यता है कि सकट चौथ का व्रत रखने और भगवान गणेश की पूजा अर्चना करने से आने वाले सभी संकट दूर हो जाते हैं। दिनभर उपवास रखने के बाद शाम के समय भगवान गणेश की पूजा करने के बाद चंद्रमा को जल अर्पित कर व्रत खोलते हैं। महिलाएं तिल से बने खाद्य पदार्थों का प्रसाद के रूप में सेवन करती है, इसलिए इसे तिलकुटा चौथ का व्रत कहा जाता है। -------- महिलाओं ने रखा तिलकुट चौथ का व्रत
संवाद सहयोगी, नाथूसरी चौपटा :
गांव कुम्हारिया में महिलाओं ने संकट चतुर्थी व तिलकुट चौथ के अवसर पर व्रत रखकर कथा सुनी व भगवान गणेश की पूजा अर्चना की। महिलाओं ने शुक्रवार प्रात: स्नान इत्यादि कर व्रत की तैयारी की। इसके बाद पूजा की सामग्री लेकर महिलाओं ने एकत्रित होकर व्रत की कथा सुनी पूजा अर्चना की। फिर सूर्यदेव को अर्घ्य देकर फलाहार लिया। महिलाओं द्वारा रात को चंद्र देव के दर्शन करने के पश्चात भोजन किया जाता है। महिलाएं सुमन देवी, सुनीता, शकुंतला बैनीवाल, राम मूर्ति देवी, मंजू देवी, प्रमिला देवी, पुष्पा देवी, सुमित्रा, शर्मिला, कोमल, टीना रानी सहित सभी महिलाओं ने व्रत रखा।