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जिले में 9 माह तक रह सकता है जल संकट

जागरण संवाददाता, सिरसा : हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में सितंबर से 9 माह तक जल संकट रहन

By JagranEdited By: Published: Mon, 06 Aug 2018 06:39 PM (IST)Updated: Mon, 06 Aug 2018 06:39 PM (IST)
जिले में 9 माह तक रह सकता है जल संकट
जिले में 9 माह तक रह सकता है जल संकट

जागरण संवाददाता, सिरसा : हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में सितंबर से 9 माह तक जल संकट रहने का अंदेशा लगाया जा रहा है। जिससे तीनों प्रदेशों में पेयजल व ¨सचाई पानी की कमी होने से परेशानी झेलनी पड़ सकती है। जिसका कारण पौंग व भाखड़ा डैम में कम जलस्तर होना है। भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड ने हरियाणा, पंजाब और राजस्थान सरकारों को जल संकट को लेकर पहले से ही चेतावनी दे दी है। ¨सचाई विभाग द्वारा नहरों में वाराबंदी से पानी छोड़ा जा रहा है। जिसके चलते नहरों में 16 दिन पानी बंद रहता है। जबकि 7 दिन नहरों में पानी छोड़ा जाता है।

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¨सचाई विभाग के अधिकारियों के अनुसार 21 ¨सतबर के बाद बांधों का रिक्तिकरण समय माना जाता है। इस दौरान पानी की आवक नहीं होती और संग्रहित पानी से ही राज्यों को पानी मिलता है। इस साल फि¨लग पीरियड में भी बांधों में पानी की आवक कमजोर रहने के कारण बांधों का स्तर काफी कम है। इसी स्थिति को ध्यान में रखते हुए बीबीएमबी की विशेष बैठक बुलाई गई।

गौरतलब है कि सामान्यत: बीबीएमबी की बैठक में ¨सचाई विभाग के अधिकारी ही हिस्सा लेते हैं। बीबीएमबी की तकनीकी समिति की सोमवार को भी बैठक हुई। कम हुई मानसून की बारिश

इस बार हिमाचल प्रदेश में सतलुज और ब्यास नदी के कैचमेंट क्षेत्रों में 11 फीसद कम मानसून की वर्षा हुई है। इसकी भाखड़ा और पौंग डैम में हुए पानी की आवक की समीक्षा की गई। इसके बाद डैमों में पानी के भंडारण के कम स्तर और कैचमैंट क्षेत्रों में कम वर्षा को ध्यान में रखते हुए बीबीएमबी ने भागीदार राज्यों को मानसून के पानी का संचय और अधिकतम उपयोग की सलाह दी। 3 अगस्त को पौंग और भाखड़ा जलाशयों में पानी का स्तर पिछले साल की अपेक्षा क्रमश: 43.32 फीट और 63.43 फीट कम रहा। पानी की करनी होगी बचत

नहरों में 16 दिन पानी बंद रहने के बाद 7 दिन नहरों में पानी छोड़ा जाता है। जिले वासियों को पानी की बचत करनी होगी। अगर पानी की बचत नहीं की गई तो ¨सचाई पानी तो दूर पीने के पानी की भी दिक्कतें आ सकती है। पब्लिक हेल्थ विभाग को भी पहले से ही पेयजल के लिए प्रबंध करने होंगे। अगली जून में जब गर्मी बढ़ेगी तो पिघलेगी बर्फ

¨सचाई विभाग के एसई राजेश कुमार ने बताया कि पौंग व भाखड़ा डैम में मई 2019 तक जलस्तर कम रहेगा। इसके बाद जून माह में गर्मी बढ़ने से पहाड़ी क्षेत्र में बर्फ पिघलने से जल स्तर बढ़ेगा। वहीं जून माह में बारिश होने से भी जलस्तर बढ़ने की संभावना रहती है। पौंग व भाखड़ा डैम में कम जलस्तर है। इससे सितंबर माह से मई 2019 तक जल संकट हो सकता है। इसलिए पानी की बचत करनी होगी। भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड ने अवगत भी करवाया है।

राजेश कुमार, एसई, ¨सचाई विभाग


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