डबवाली में समस्या बने हैं बंदर, पकड़वाने के लिए नगरपरिषद ने कॉल किया टेंडर
डबवाली में बंदर बड़ी समस्या हैं। लोगों को घरों में कैद होकर रह
संवाद सहयोगी, डबवाली : डबवाली में बंदर बड़ी समस्या हैं। लोगों को घरों में कैद होकर रहना पड़ता है। कोई भगाने की कोशिश करता है तो उसे काट खाते हैं। डबवाली के उपमंडल नागरिक अस्पताल के आंकड़ों पर गौर फरमाएं तो छह माह में 27 लोग बंदर काटने के बाद उपचार लेने पहुंचे हैं। यह आंकड़ा तो सिर्फ सरकारी अस्पताल का है। निजी अस्पतालों में भी काफी लोग उपचार के लिए गए हैं। इसके अतिरिक्त बंदरों के कारण घरों में बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है। ऐसे में लोग बंदर पकड़वाने की मांग लंबे समय से कर रहे थे। पिछले दिनों वार्ड नं. 2 में बंदरों के झुंड ने लोगों को घरों से बाहर नहीं निकलने दिया। हालात यह हो गए थे कि 24 घंटे लोग घरों में दुबके रहे। पीड़ितों ने एसडीएम डॉ. विनेश कुमार से मिलकर बंदर पकड़वाने की मांग की थी। मामला अकेले एक वार्ड तक सीमित नहीं। इससे पहले वार्ड नं. 4, 12, 11 में लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी है। परेशान लोगों ने नगरपरिषद का घेराव तक कर डाला था।
----------
अब टेंडर लगाया, पहले दो बार हो चुका रद
बंदरों की समस्या का समाधान न होने से परेशान लोगों में नप के खिलाफ आक्रोश बढ़ता जा रहा था। साथ ही बंदरों के कारण घायलों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। इसे देखते हुए नगरपरिषद ने बंदर पकडऩे के लिए टेंडर कॉल किए हैं। 27 जुलाई तक टेंडर प्राप्त किए जाएंगे। 28 जुलाई को टेंडर खुलेंगे। उम्मीद है कि इस बार बंदर पकडऩे के लिए ठेकेदार मिल जाएगा। बता दें, इससे पहले दो बार नगरपरिषद टेंडर कॉल कर चुकी है। पहली बार किसी ने भी टेंडर नहीं भरा था तो दूसरी बार सिर्फ एक पार्टी आई थी। इस बार नप नाउम्मीद नहीं है।
---------
अस्पताल में पहुंचे इतने लोग
माह मरीज
फरवरी 05
मार्च 07
अप्रैल 05
मई 04
जून 06
(सिविल अस्पताल के रिकॉर्ड मुताबिक)
---------
बंदरों को पकड़ने के लिए टेंडर मांगे गए हैं। 28 जुलाई को टेंडर ओपन होने हैं। नगरपरिषद की ओर से तीसरी बार प्रयास किया जा रहा है। उम्मीद है कि इस बार प्रयास सिरे चढ़ेगा।
-ऋषिकेश चौधरी, सचिव
नगरपरिषद डबवाली।