वार्षिक परीक्षा से पहले आंका जाएगा छात्रों का शिक्षास्तर
सर्दियों की छुट्टियों के बाद बुधवार को स्कूल खुल गए हैं। वार्षिक पर
संवाद सहयोगी, रानियां : सर्दियों की छुट्टियों के बाद बुधवार को स्कूल खुल गए हैं। वार्षिक परीक्षाओं को लेकर कक्षाओं में पढ़ाई पर जोर दिया जाएगा, ताकि परीक्षाओं से पहले पूरे सिलेबस का रिवीजन करवाया जा सके। वार्षिक परीक्षाओं से पहले सरकारी स्कूलों में स्टूडेंट असेसमेंट टेस्ट (छात्र मूल्यांकन परीक्षण), प्री-बोर्ड परीक्षा और ब्लॉक स्तर पर सक्षम टेस्ट में विद्यार्थियों के शिक्षा स्तर को आंका जाएगा। परंतु जनवरी व फरवरी माह में आयोजित होने वाले असेसमेंट टेस्ट व प्री-बोर्ड परीक्षाओं के उपरांत विद्यार्थियों व शिक्षकों के पास सिर्फ एक माह का समय ही बचा होगा, जिसमें फरवरी व मार्च माह में 6 छुट्टियां वार्षिक परीक्षाओं से पहले होंगी। शीतकालीन अवकाश के बाद स्कूल खुलने पर अब लगभग 50 दिनों का समय स्कूलों के पास है, जिसमें करीब 8 रविवार, एक दूसरे शनिवार की छुट्टी और दो सरकारी छुट्टियां आ जाने पर सिर्फ 39 दिन ही स्कूल खुल पाएंगे। इस दौरान 29 जनवरी से 10वीं तथा 12वीं कक्षा की प्री-बोर्ड परीक्षाएं आयोजित होंगी और पहली से नौंवी कक्षा व 11वीं कक्षा के स्टूडेंट असेसमेंट टेस्ट (एसएटी) भी 29 जनवरी से शुरू होकर 2 फरवरी तक आयोजित होंगे। इसके उपरांत 15 फरवरी को तीसरी, पांचवीं व सातवीं कक्षा के लिए थर्ड पार्टी द्वारा विभिन्न ब्लाकों में सक्षम टेस्ट लिया जाएगा। ऐसे में फिलहाल स्कूलों में सर्दियों की छुट्टियों के स्टूडेंट असेसमेंट टेस्ट, प्री-बोर्ड और ब्लॉक स्तर पर सक्षम टेस्ट के लिए तैयारियां कराई जा रही है। दूसरी ओर हरियाणा विद्यालय बोर्ड की ओर से कक्षा 10वीं और 12वीं का परीक्षा शेड्यूल जारी किया जा चुका है, जिसमें 10वीं कक्षा की परीक्षाएं 8 मार्च से तथा 12वीं कक्षा की परीक्षाएं 7 मार्च से शुरू होंगी। वहीं अभी पहली से नौंवी व 11वीं कक्षा की वार्षिक परीक्षाओं के लिए शेड्यूल जारी नहीं हुआ है। ऐसे में विद्यार्थियों के पास एक माह से भी कम समय वार्षिक परीक्षाओं की तैयारियों के लिए बच सकेगा। ऐसे में कक्षाओं में शिक्षकों को कम ही समय में सिलेबस का रिवीजन कराना होगा, ताकि वार्षिक परीक्षाओं से पहले पूरे सिलेबस को कवर किया जा सके। हालांकि टीचर्स बोर्ड कक्षाओं का सिलेबस पूरा होने पर रिवीजन के लिए बचे दिनों को पर्याप्त बता रहे हैं, लेकिन परीक्षार्थियों से पहले खुद शिक्षकों की अपने स्कूल व ब्लॉक को सक्षम की कसौटी पर खरा उतारने की परीक्षा होगी, क्योंकि परीक्षाओं की तैयारियां कराने के लिए कक्षाओं में सिलेबस पढ़ाने के लिए शेड्यूल तैयार करना होगा, ताकि पूरे सिलेबस का रिवीजन हो सके।