विद्यार्थियों ने 141 गांवों में रैली निकाल दिया पराली न जलाने का संदेश
पराली जलाने से होने वाले नुकसान व प्रबंधन के लिए प्रेरित करने बारे वीरवार

सिरसा (विज्ञप्ति) : पराली जलाने से होने वाले नुकसान व प्रबंधन के लिए प्रेरित करने बारे वीरवार को जिले के 141 गांवों में विद्यार्थियों द्वारा जागरूकता रैली निकाली गई। गांव पनिहारी व फरवाईं कलां में कृषि उप निदेशक डा. बाबूलाल व डीडीपीओ रवि कुमार ने हरी झंडी दिखा कर रैली को रवाना किया।
डा. बाबूलाल ने कहा कि पराली जलाने से न केवल प्रदूषण में बढ़ोतरी होती है बल्कि भूमि की उर्वरा शक्ति भी कम होती है। इसलिए किसान पराली प्रबंधन के लिए आगे आएं। फसली अवशेष प्रबंधन के लिए बेलर का उपयोग करें, जिला में बेलर की कोई कमी नहीं है। इसके साथ-साथ सरकार द्वारा पराली प्रबंधन पर प्रति एकड़ एक हजार रुपये की राशि दी जा रही है।
उन्होंने बताया कि जिला में विभिन्न सीएससी सेंटर व निजी तौर पर फसल अवशेष प्रबंधन कृषि उपकरण उपलब्ध हैं। इन्हीं उपकरणों में बेलर भी शामिल है, जिसके माध्यम से किसान पराली की बेल्स बनाकर फसल अवशेष का उचित प्रबंधन कर सकते हैं। किसान पराली का प्रबंधन करके पर्यावरण को बचाने में सहयोग के साथ अतिरिक्त आय भी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पराली जलाने से पर्यावरण प्रदूषित होता है। धुएं से आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत होती है। प्रदूषित कणों के कारण खांसी, अस्थमा जैसी बीमारियों को बढ़ावा मिलता है।
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बेलर से गांठ बनाने वाले किसानों को मिलेंगे एक हजार रुपये प्रति एकड़
कृषि तथा किसान कल्याण विभाग द्वारा जिले में वर्ष 2021-22 के दौरान फसल अवशेष प्रबंधन स्टेट प्लान (एसबी-82) स्कीम के अंतर्गत बेलर द्वारा पराली के बंडल/गांठ बनाकर पराली प्रबंधन करने वाले धान के किसानों को अधिकतम एक हजार रुपये प्रति एकड़ या 50 रुपये प्रति क्विंटल (20 क्विंटल प्रति एकड़ पराली मानते हुए) प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। योजना का लाभ लेने के लिए किसानों का पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य है।
Edited By Jagran