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भारतीय संस्कृति में पेड़ पौधों का विशेष महत्व : डा. वधवा

भारतीय संस्कृति विश्व की सर्वश्रेष्ठ संस्कृति है और इस संस्कृति में पे

By JagranEdited By: Published: Wed, 05 Aug 2020 10:56 AM (IST)Updated: Wed, 05 Aug 2020 10:56 AM (IST)
भारतीय संस्कृति में पेड़ पौधों का विशेष महत्व : डा. वधवा
भारतीय संस्कृति में पेड़ पौधों का विशेष महत्व : डा. वधवा

जागरण संवाददाता, सिरसा : भारतीय संस्कृति विश्व की सर्वश्रेष्ठ संस्कृति है और इस संस्कृति में पेड़ पौधों को विशेष महत्व देते हुए भगवान का दर्जा दिया गया है। इसी लिये पेड़ पौधों की पूजा भी भारतीयों द्वारा की जाती है। पौधों को जीवन रक्षक समझा जाता है क्योंकि ये ऑक्सीजन प्रदान करते हैं व कार्बन-डाइ-ऑक्साइड को सोखते हैं। युवा पीढ़ी को भी पेड़ पौधों के साथ लगाव रखना चाहिए और अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाने के लिए समाज को जागरूक करना चाहिए। केवल पौधे लगाने से काम नहीं चलता बल्कि उनके रखरखाव की तरफ भी ध्यान दिया जाना समय की मांग है।

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ये विचार चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. राकेश वधवा ने सावन माह के दौरान विश्वविद्यालय परिसर में चलाए जा रहे पौधारोपण तथा बेलपत्र रोपण अभियान के समापन अवसर पर उपस्थितजनों को संबोधित करते हुए व्यक्त किये। मंगलवार को पौधरोपण तथा बेलपत्र अभियान के समापन के उपलक्ष्य में कुलसचिव निवास पर आयोजित हवन यज्ञ में सिरसा शहर तथा आसपास के अनेक साधु-संतों ने भाग लिया और कोरोना काल में सभी की सुख समृद्धि के लिए प्रार्थना की।

इस अवसर पर डेरा भूमण शाह से बाबा ब्रह्मदास ने कहा कि प्रकृति का रखरखाव करके हम आने वाली पीढि़यों को नायाब तोहफा दे सकते हैं और हमें अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाने चाहिए। इस मौके पर आयुष विभाग हरियाणा के निदेशक डॉ. संगीता, ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के सिरसा केंद्र की प्रभारी बहन बिदु, सीमा, ऐलनाबाद से स्वामी जितानन्द, गुरुद्वारा चिल्ला साहिब से बाबा जगतार, दिव्य ज्योति संस्थान से संतोष भारती ने प्रशासनिक भवन में पौधरोपण किया तथा हवन यज में भाग लिया।


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