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हमारी सुने सरकार, कहां जाए कलाकार

रोजी रोटी बंद होने पर मंगलवार को कलाकारों ने अलग अलग तरीके

By JagranEdited By: Published: Wed, 03 Jun 2020 09:23 AM (IST)Updated: Wed, 03 Jun 2020 09:23 AM (IST)
हमारी सुने सरकार, कहां जाए कलाकार
हमारी सुने सरकार, कहां जाए कलाकार

जागरण संवाददाता, सिरसा : रोजी रोटी बंद होने पर मंगलवार को कलाकारों ने अलग अलग तरीके से रोष व्यक्त किया। सूने साज, सुनो सरकार के तहत सड़कों पर गायक कलाकारों ने खाली कुर्सी रखकर कार्यक्रम पेश किया। वहीं ढोलक व बैंड बाजा पार्टी, डीजे साउंड वालों ने दुकानों के आगे बैनर लगाकर व रोष व्यक्त कर प्रदर्शन किया। शहर में रंगकर्मी, गायक, नृतक, वादक, बैक स्टेज के कलाकारों ने जगह जगह प्रदर्शन किया। सूनो सरकार के गाए गीत

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राष्ट्रीय कलाकार सुरक्षा मंच एवं पहल इंडिया फिल्म एंड टीवी आर्टिस्ट एसोसिएशन ने 2 जून की रोटी के लिए सूने साज, सुनो सरकार के तहत सांकेतिक विरोध प्रदर्शन किया। एसोसिएशन ने रानियां गेट के समीप कलाकारों के साथ सड़क पर श्रोता नहीं होने पर खाली कुर्सी रखकर प्रदर्शन किया। कलाकारों ने गीत के माध्यम से सुनो सरकार कहां जाए कलाकार के गीत गाए। इसी के साथ शिव चौक, बाल्मीकि चौक, मटका चौक के समीप बैंड बाजा पार्टी, डीजे साउंड व अन्य कलाकारों ने सुनो सरकार के नारे लगाकर रोष जताया। कलाकारों की सुनें सरकार

एसोसिएशन के महासचिव बब्बू गिरधर ने कहा कि लॉकडाउन से मनोरंजन से जुड़े सभी कलाकारों का धंधा ठप हो गया है। कलाकार अपनी रोजी रोटी की चिता में है। उन्होंने कहा कि सरकार प्रवासी श्रमिकों, किसानों, व्यापारियों, दुकानदारों व गरीबों के लिए पूरी तत्परता के साथ सराहनीय कार्य कर रही है, उनके रहने, खाने-पीने व रोजगार की व्यवस्था कर रही है, लेकिन कलाकारों की तरफ कोई ध्यान नहीं है। कोरोना संकटकाल में सभी कलाकार बेरोजगार हो गए है। एक से डेढ़ वर्ष के लिए उनके सभी कार्यक्रम बंद हो गए है। उन्होंने कहा कि भारतवर्ष में सभी कलाकार की रोजी-रोटी संगीत पर निर्भर करती है, वह बर्बादी की कगार पर है। कलाकारों के लिए घर का किराया, बच्चों की फीस, बिजली का बिल, गैस, खाने से संबंधित राशन पानी जैसी चीजों का अकाल पड़ गया है। उनके पैसे खत्म हो गए है, ऐसे में वह उक्त स्थितियों के लिए भुगतान कैसे करेगा। कोई भी सुविधा न होने के चलते संगीत भी पिछड़ता जा रहा है, ऐसे रहा तो कलाकार वर्ग लुप्त हो जाएगा। इस अवसर पर म्यूजिक निदेशक तुलसी अनुपम, वादक राजेंद्र लाड़वाल, अमित मीतू, साज वादक रोहित खन्ना, रमेश अनुपम, साहिल बजाज बब्बू, विनोद दिवाना, रवि भट्टू, महेश वर्मा, राज वर्मा, महेश वर्मा, राज वर्मा, सोनू, सून्नी सागर मौजूद रहे। ये है कलाकारों की मांग

1. मासिक पेंशन दी जाए

2. कलाकारों को बिना ब्याज ऋण दिया जाए

3. कलाकारों का बीमा किया जाए

4. कलाकारों का वर्ग निर्धारित किया जाए ---- थैक्यू दैनिक जागरण

गायक अमित अनुपम ने कहा कि दैनिक जागरण ने कोरोना वायरस को लेकर लॉकडाउन के चलते कलाकारों की आवाज को उठाने का कार्य किया। सूने साज, सुनो सरकार के तहत रंगकर्मी, गायक, नृतक, वादक, फोटोग्राफर, तकनीशियन की आवाज उठाई। इसके लिए दैनिक जागरण को थैक्यू कहते हैं। इस समाचार पत्र ने कलाकारों की आवाज सरकार तक पहुंचने का कार्य किया।


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