शहरी सरकार के खिलाफ दुकानदारों का बंद, कबीर चौक पर अनिश्चिकालीन धरना
कांग्रेस समर्थित शहरी सरकार के विरोध में सोमवार को अनाज मंडी रोड
संवाद सहयोगी, डबवाली :
कांग्रेस समर्थित शहरी सरकार के विरोध में सोमवार को अनाज मंडी रोड पूर्णतय बंद रहा। कबीर चौक पर जुटे दुकानदार अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए। प्रदर्शनकारियों के अनुसार अनाज मंडी रोड का निर्माण पिछले चार माह से बंद है। आरोप है कि टेंडर मिलने के बाद ठेकेदार ने कार्य शुरू कर दिया था। फुटपाथ का निर्माण पूरा हो गया था। सीसी रोड बननी थी। कमेटी सदस्य के तौर पर उपरोक्त जन प्रतिनिधियों ने नये डिजाइन से रोड बनाने का बहाना करके काम रुकवा दिया। दुकानदार प्यारे लाल अग्रवाल, विनोद कुमार, अनिल गोयल, पवन कुमार, राजकुमार गुप्ता, अमृतपाल, राकेश मोंगा ने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि जब डिजाइन अप्रूव नहीं था तो फिर टेंडर क्यों अलॉट किया गया। वर्क ऑर्डर जारी करने के बाद ठेकेदार ने कार्य क्यों शुरु किया। दुकानदारों ने कार्य रुकवाने के पीछे पार्षदों के हस्ताक्षर किए हुए साक्ष्य प्रस्तुत किए।
यह है मामला
नगरपरिषद ने नई अनाज मंडी रोड को सीसी बनाने के लिए 87.22 लाख रुपये के टेंडर द भैनी जाटान नेहरा श्रम व लेबर सहकारी समिति लिमिटेड भिवानी को जारी किए थे। 14 जून 2018 को वर्क ऑर्डर जारी कर दिया था। रोड का निर्माण 90 दिनों के भीतर होना था। लेकिन निर्धारित अवधि में रोड का निर्माण पूरा होना तो दूर केवल फुटपाथ तक सीमित रह गया। समयावधि समाप्त होने पर नगरपरिषद ने यह कहते हुए रोड की फाइल बंद कर दी कि रोड का डिजाइन नहीं था। इसके लिए तकनीकी अधिकारियों ने उपरोक्त पार्षदों को कमेटी में शामिल कर कार्य को सिरे चढ़ा दिया। कांग्रेस समर्थित पार्षद बोले-लोगों के आरोप जायज
नगरपरिषद के तकनीकी अधिकारियों ने रिपोर्ट दी थी कि अगर अनाज मंडी रोड सीसी बनी तो आर्थिक आधार पर नुकसान भुगतना पड़ेगा। ऐसे में मैंने नगरपरिषद हित में तकनीकी अधिकारियों की रिपोर्ट पर हस्ताक्षर किए थे। रोड का कार्य रुका, इस वजह से दुकानदारों का गुस्सा जायज है। तकनीकी अधिकारियों की वजह से ही लोगों तथा जन प्रतिनिधियों में दूरी बढ़ रही है। इसके उत्तरदायी पूर्ण तौर पर अधिकारी हैं।
-विनोद बांसल, कांग्रेस समर्थित पार्षद 100 एमएम टाइल से अनाज मंडी रोड बननी है। एनआइटी कुरुक्षेत्र ने डिजाइन तैयार किया है। तकनीकी मंजूरी के लिए डिजाइन को मुख्यालय भेजा गया है। मैं और जेई चंडीगढ़ हैं। अब तो सिर्फ तकनीकी मंजूरी की देर है। जैसे ही मंजूरी मिल गई, उसी समय कार्य शुरू करवा देंगे। इससे नप को करीब 10 लाख रुपये का फायदा होगा।
-ईओ अमन ढांडा, नगरपरिषद, डबवाली