एक्टिव केस फाइंडिग अभियान के तहत 2,26,858 लोगों की हुई स्क्रीनिग, 56 टीबी रोगी मिले
सिरसा केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2025 देश को टीबी मुक्त बनाने की दिशा में अ
जागरण संवाददाता, सिरसा : केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2025 देश को टीबी मुक्त बनाने की दिशा में अभियान चलाए जा रहे है। इसी कड़ी में जनवरी महीने में जिले में टीबी के एक्टिव केस फाइंडिग अभियान चलाया गया। जिले में स्लम बस्तियों, टीबी प्रोन एरिया, निर्माण स्थल, बेघरों, अनाथालय, वृद्धाश्रम, शेल्टर होम में रहने वालों व नशा प्रभावितों की स्क्रीनिग की गई। अभियान के तहत जिले में दो लाख 26 हजार 858 लोगों का सर्वे कर पूछा गया कि उन्हें खांसी, बलगम इत्यादि लक्षण तो नहीं है। इस आधार पर 2126 लोगों के सैंपल लिए गए जिनमें से 56 मरीज सामने आए। सिरसा जिले में वर्तमान में 619 रजिस्टर्ड टीबी के मरीज है। इनमें से 384 का सरकारी अस्पताल में जबकि 235 का निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है।
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रोगियों की पहचान के लिए प्रोत्साहन राशि का भी सहारा
टीबी रोगी पाए जाने पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा मरीज का निशुल्क इलाज करवाया जाता है। छह महीने तक डॉटस दवाई दी जाती है। विभाग द्वारा निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी रोगियों को पौष्टिक आहार के लिए पांच सौ रुपये हर महीने उनके खातों में जमा करवाए जाते हैं। योजना के तहत विभाग द्वारा बीते वर्ष 54 लाख 99500 रुपये की राशि निक्षय पोषण योजना के तहत दी गई है। क्षय रोगियों के उपचार में सहयोग देने वाले निजी चिकित्सकों को भी सरकार 500 रुपये प्रति मरीज देती है। ऑनलाइन टीबी पोर्टल पर मरीज की सूचना देनी होती है। इस स्कीम के तहत चिकित्सकों को एक लाख 72 हजार 500 रुपये की राशि दी गई है। इसके अलावा मरीजों को दवाइयां उपलब्ध करवाने वालंटियरों को भी विभाग एक हजार रुपये की राशि देता है। इस योजना के तहत बीते वर्ष एक लाख 41 हजार रुपये की राशि दी गई है। इसके अलावा रोगियों को मोटिवेट कर उनके सैंपल करवाने वाले तथा सैंपलिग में रोग की पुष्टि होने पर भी मोटिवेटर को 500 रुपये दिये जाते हैं।
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विश्व क्षय रोग यानि टीबी डे के उपलक्ष्य में स्वास्थ्य विभाग द्वारा 18 से 24 मार्च तक जागरूकता सप्ताह का आयोजन किया जाएगा। अभियान के तहत पेंटिग, स्लोगन राइटिग, सेमिनार आयोजित करवाई जाएगी। स्वास्थ्य विभाग द्वारा टीबी उन्मूलन के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। जिले में छह सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर, पीपीएम कॉर्डिनेटर, टीबी व एचआइवी कार्डिनेटरों के माध्यम से लोगों में जागरूकता का संदेश दिया जा रहा है। टीबी रोगियों का इलाज शुरू करवाकर उनकी समय समय पर कुशलक्षेम पूछी जाती है। आमजन से अनुरोध है कि किसी को दो सप्ताह से अधिक खांसी हो अथवा बलगम में खून आता हो तो वो अपनी जांच अवश्य करवाएं।
- डा. रोहताश, जिला क्षय रोग अधिकारी।