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विभाजन के बाद 1950 में शुरू किया रामलीला मंचन

जागरण संवाददाता सिरसा देश के विभाजन के बाद पाकिस्तान से आए पंजाबी परिवार सिरसा में बस ग

By JagranEdited By: Published: Fri, 13 Sep 2019 01:11 AM (IST)Updated: Fri, 13 Sep 2019 01:11 AM (IST)
विभाजन के बाद 1950 में शुरू किया रामलीला मंचन
विभाजन के बाद 1950 में शुरू किया रामलीला मंचन

जागरण संवाददाता, सिरसा : देश के विभाजन के बाद पाकिस्तान से आए पंजाबी परिवार सिरसा में बस गए। 1950 में बच्चों ने पंजाबी सनातन धर्मशाला वाली गली में छोटी सी रामलीला शुरू की। आज वह रामलीला सिरसा की सबसे बड़ी और आदर्श रामलीला कहलाती है। इस बार श्री रामा क्लब चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा 70वें रामलीला एवं दशहरा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। 28 सितंबर से 9 अक्टूबर तक चलने वाले रामलीला महोत्सव की तैयारियां जोरों से जारी हैं। -- रामचंद्र छाबड़ा और रामचंद्र कालड़ा ने की थी क्लब की स्थापना श्री रामा क्लब चेरिटेबल ट्रस्ट के महासचिव गुलशन गाबा ने बताया कि रामचंद्र छाबड़ा व रामचंद्र कालड़ा ने क्लब की नींव रखी। इसके वरिष्ठ सदस्यों में आरके भारद्वाज, श्याम बजाज, प्रकाश चंद वधवा, सोमनाथ गुलाटी, हंसराज खुंगर, गोपाल सोनी, हरीश चंद मदान, नारायण मकानी का बहुत सहयोग रहा है। पूरा परिवार क्लब के मंच को मंदिर के रूप में मानता है। रामलीला मंचन के दौरान पूरे श्रद्धाभाव का ख्याल रखा जाता है। महिला व पुरूष दर्शकों के बैठने के लिए अलग अलग प्रबंध किए जाते हैं। क्लब में किरदार निभाने वाले ज्यादातर कलाकार स्थानीय हैं। --क्लब के पास है स्थायी मंच क्लब के प्रधान अश्वनी बठला ने बताया कि भगत सिंह पार्क, सरकुलर रोड तथा वाल्मीकि चौक पर वर्षो तक रामलीला का मंचन होता रहा। इसके बाद तत्कालीन उद्योगमंत्री लक्ष्मणदास अरोड़ा ने नेहरू पार्क में क्लब को रामलीला के लिए स्थायी मंच प्रदान किया और मंच निर्माण में आर्थिक सहयोग भी दिया। आज क्लब के पास स्वयं की जगह हैं, जहां भव्य रामलीला मंचित की जाती है। उन्होंने कहा कि हालांकि अभी दशहरा महोत्सव के लिए स्थायी जगह उपलब्ध नहीं है। सिरसावासियों के सहयोग से पिछले 70 सालों से रामलीला मंचित की जाती है और दशहरे पर भव्य शोभायात्रा निकाली जाती है। --क्लब के अधिकतर सदस्य अभी भी पुराने क्लब महासचिव गुलशन गाबा ने बताया कि क्लब से जुड़े अधिकतर सदस्य पुराने है या फिर उनके आगे परिवार के सदस्य है। सभी एक परिवार की तरह रहते हैं। अधिकतर परिवारों की अगली पीढ़ी रामलीला मंचन में भाग ले रही है। सभी को रामलीला का इंतजार रहता है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में क्लब रामलीला मंचन के साथ साथ समाजसेवी कार्यों में भी भाग ले रहा है। रोजाना क्लब द्वारा जरूरतमंदों को भोजन करवाया जाता है। शहर में पेयजल सेवा व रिश्ते करवाने की सेवा भी की जाती है।

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