डबवाली नगर परिषद की प्रॉपर्टी का होगा आंकलन
डबवाली नगर परिषद की गुम हुई प्रॉपर्टी को ढूंढने के लिए निशानदेही होगी।
संवाद सहयोगी, डबवाली : नगर परिषद की गुम हुई प्रॉपर्टी को ढूंढने के लिए निशानदेही होगी। यह कार्य सोमवार से शुरू होगा। रिपोर्ट के बाद एसडीएम अश्वनी कुमार एक्शन लेंगे। संभावना जताई जा रही है कि काफी जमीन पर कब्जा मिलेगा। पार्षदों ने अधिकारियों को कब्जाधारियों के नाम बताने शुरू कर दिए हैं। जन प्रतिनिधि के सर्वे की मांग पर एसडीएम ने निशानदेही के आदेश जारी किए हैं। एसडीएम ने स्पष्ट किया है कि बिना देरी किए सोमवार को सुबह 9 बजे निशानदेही शुरू हो जाएगी।
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यह है मामला
14 सितंबर 2020 को नगर परिषद कार्यालय में हाउस की बैठक हुई थी। जन प्रतिनिधियों ने नगर परिषद से प्रॉपर्टी के आंकड़े सार्वजनिक करने की मांग की थी। ताकि पता चल सकें कि नप के पास कितनी जमीन है। उसमें से कितनी लीज पर है। लीज मनी जमा करवाई है या नहीं। एसडीएम अश्वनी कुमार ने प्रॉपर्टी जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी बनाई थी। जिसमें दो पार्षदों समेत तीन सरकारी कर्मचारियों को शामिल किया गया था। प्रस्ताव संख्या छह के तहत कमेटी ने 15 दिन में रिपोर्ट उपलब्ध करवानी थी। यह फैसला केवल कागजी कार्रवाई तक सीमित रह गया। बता दें, नौ दशक में पहली बाद नगर परिषद की प्रॉपर्टी की निशानदेही होने जा रही है। बताया जाता है कि स्वतंत्रता से पहले वर्ष 1935-36 में डबवाली को नगर पंचायत का दर्जा मिला हुआ था। संयुक्त पंजाब के समय 1953 में नगरपालिका का दर्जा मिल चुका था। वर्ष 2013-14 में जनसंख्या 50 हजार से ज्यादा होने पर नगरपरिषद का दर्जा दिया गया था। इतने लंबे समय बाद पहली बार प्रॉपर्टी का आंकलन होने जा रहा है।
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अधिकारियों को करना पड़ा सवालों का सामाना
8 अप्रैल को नगरपरिषद कार्यालय में हाऊस की बैठक हुई तो छह माह बाद पुन: मुद्दा सामने आया। पार्षदों ने प्रशासनिक अधिकारियों से जवाब तलबी की तो नप अधिकारी चुप्पी साध गए। जन प्रतिनिधियों ने नप प्रॉपर्टी का ब्यौरा मांगा तो जवाब नहीं मिला। पार्षद युद्धवीर रंगीला ने कहा कि हिदी साहित्य सदन के समीप सात दुकानें बनी हैं, जो नगरपरिषद की हैं। अवैध कब्जा कर रखा है।
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अदालत के आदेश के बावजूद नप की जमीन बेच दी
वार्ड नंबर चार के पार्षद रंगीला ने बैठक में बताया था कि अदालत के आदेशों के बावजूद नप के नाम हुई जमीन को निजी लोग बेच गए। नप ने कोई कार्रवाई नहीं की। तीसरा उदाहरण रखते हुए यह भी कहा था कि मलोट रोड पर रेलवे अंडर ब्रिज (आरयूबी) के समीप पेट्रोल पंप के पास नप की जमीन थी। उस जमीन पर लोगों ने कब्जा किया।
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नगरपरिषद की प्रॉपर्टी की निशानदेही होगी। तभी पता चलेगा कि शहर में नगरपरिषद के पास कितनी प्रॉपर्टी है। अगर किसी ने प्रॉपर्टी पर कब्जा कर रखा है तो वह रिपोर्ट में सामने आ जाएगा। रिपोर्ट के बाद ही आगामी कार्रवाई की जाएगी।
-अश्वनी कुमार, एसडीएम, डबवाली।