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सामान्य जांच तक सिमटे पीएचसी, होम आइसोलेट मरीजों को पहुंचाई जाती है दवा

सिरसा सरकार भले ही ग्रामीण आंचल में चिकित्सा सुविधाओं को बेहतर बनाने

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 May 2021 07:50 AM (IST)Updated: Mon, 10 May 2021 07:50 AM (IST)
सामान्य जांच तक सिमटे पीएचसी, होम आइसोलेट मरीजों को पहुंचाई जाती है दवा
सामान्य जांच तक सिमटे पीएचसी, होम आइसोलेट मरीजों को पहुंचाई जाती है दवा

जागरण संवाददाता, सिरसा : सरकार भले ही ग्रामीण आंचल में चिकित्सा सुविधाओं को बेहतर बनाने के दावे करें परंतु धरातल पर अब भी स्थित ढाक के तीन पात वाली है। जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं पर निगाह दौड़ाएं तो 29 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र यानि पीएचसी है। जिले के ब्लॉकों में आठ सामुदायिक सेवा केंद्र यानि सीएचसी है। इसके अलावा एचएसवीपी सेक्टर में एक डिस्पेंसरी है। डबवाली, ऐलनाबाद में उपमंडल स्तरीय अस्पताल तथा सिरसा में नागरिक अस्पताल हैं।

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पीएचसी स्तर पर सुविधाओं की बात करें तो यहां सामान्य जांच व दवाओं की सुविधा है। कोरोना काल में यहां से होम आइसोलेट मरीजों की मॉनिटरिग की जा रही है। इसके अलावा उन्हें दवाइयां दी जा रही है। कोरोना संक्रमित मरीजों के सैंपल व वैक्सीनेशन का कार्य भी किया जा रहा है। बात अगर स्टॉफ की करें तो एक दो अपवादों को छोड़कर अधिकतर पीएचसी में स्टॉफ का टोटा है। कहीं मेडिकल ऑफिसर नहीं हैं तो कहीं एक एक अधिकारी पर दो से तीन पीएचसी का चार्ज है। चिकित्सक, एएनम, फार्मासिस्ट, एलएचवी इत्यादि के पद भी खाली है। जिसके चलते मरीजों को मुख्यालय के अस्पताल में इलाज के लिए आना पड़ता है।

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कुछ पीएचसी का ये है हाल

- खारिया पीएचसी में दो मेडिकल ऑफिसर है, एक की ड्यूटी केहरवाला पीएचसी में है। फार्मासिस्ट, लैब अटेडेंट, डेंटिस्ट नहीं है। स्टॉफ नर्स व एएनएम भी एक-एक है।

- केहरवाला पीएचसी में मेडिकल ऑफिसर नहीं है, अतिरिक्त को चार्ज दिया गया है। लैब अटेंडेंट हैं। फार्मासिस्ट नहीं है। हेल्थ इंस्पेक्टर भी नहीं है। स्टॉफ नर्स के दो पद है एक रिक्त है। एएनम का पद खाली है। लेडिज हेल्थ विजिटर है।

- बणी में दो मेडिकल ऑफिसर में से एक है। फार्मासिस्ट, लैब अटेंडेंट नहीं है। एएनएम, स्टॉफ नर्स एक एक है। एलएचवी का पद खाली है।

- पनिहारी पीएचसी में दो मेडिकल ऑफिसर है। डेंटिस्ट भी है। एएनएम, फार्मासिस्ट भी है लेकिन कोविड संक्रमण की चपेट में आने से अनेक कर्मचारी पॉजिटिव आ चुके हैं।

- बड़ागुढ़ा सीएचसी में फार्मासिस्ट नहीं है। वन सुधार पीएचसी में एक डाक्टर है। इसके अलावा फार्मासिस्ट, स्टाफ नर्स, एएनएम के एक एक पद है।

- रोड़ी पीएचसी में छह बेड की सुविधा है। यहां एमओ सहित दो महिला चिकित्सक है। एएनएम, फार्मासिस्ट, एलवीवी व स्टॉफ नर्स भी है।

- रानियां पीएचसी में मेडिकल ऑफिसर के तीन पद स्वीकृत है जबकि नियुक्त दो पर है। यहां 10 बेड की सुविधा उपलब्घ है। स्टाफ नर्स की एक सीट खाली है। फामार्सिस्ट नहीं है।

- बणी पीएचसी में एक मेडिकल ऑफिसर की सीट रिक्त है। फामार्सिस्ट नहीं है। स्टाफ नर्स भी एक है।

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पीएचसी में कोरोना संक्रमित मरीजों की जांच व वैक्सीनेशन की सुविधा है। इसके अलावा होम आइसोलेट मरीजों की मॉनिटरिग व दवाइयां पहुंचाई जाती है।

- डा. बुधराम, डिप्टी सिविल सर्जन।

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बीते एक सप्ताह में ग्रामीण आंचल में मिले 1206 संक्रमित

बीते एक सप्ताह में जिले में शहरी क्षेत्र में संक्रमण के 2112 मामले सामने आए हैं तो ग्रामीण आंचल में 1206 केस मिले हैं। चौटाला में सबसे अधिक 95 संक्रमित मिले है। माधोसिघाना में 38, पन्नीवाला मोटा में 29, रोड़ी में 25, ओढ़ां में 22 संक्रमित मिले हैं। तलवाड़ा खुर्द में 18, बड़ागुढ़ा में 16, बेगू में 21, डिग में 21, जोडकियां में 12, शेरपुरा में 13 और कागदाना में 14 पॉजिटिव केस मिले हैं।


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