हाई कोर्ट में खारिज हुई याचिका, चेयरपर्सन के होंगे चुनाव
सिरसा नगर परिषद की चेयरपर्सन शीला सहगल के अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ
जागरण संवाददाता, सिरसा : सिरसा नगर परिषद की चेयरपर्सन शीला सहगल के अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ शुक्रवार को हाई कोर्ट में सुनवाई। हाई कोर्ट ने शीला सहगल की याचिका खारिज कर दी। याचिका खारिज होने के बाद अब चेयरपर्सन के चुनाव का रास्ता साफ हो गया है। याचिका खारिज होने के बाद दिनभर नगर परिषद व शहर में इस मामले को लेकर चर्चाओं का दौर रहा। वहीं पार्षदों ने भी एक-दूसरे का मन टटोलना शुरू कर दिया है। पहली बार बनी भाजपा की कमेटी, अपनों ने ही गिरा दी
गौरतलब है कि सिरसा नगर परिषद के चुनाव 25 सितंबर 2016 को हुए थे। महिला आरक्षित प्रधान पद के लिए चुनाव हुआ, जिसमें राहुल सेतिया समर्थित शीला सहगल एक वोट से जीतकर प्रधान चुनी गई थी। 28 अगस्त 2018 को शीला सहगल ने चेयरपर्सन का पदभार ग्रहण किया था। परंतु कुछ समय बाद पार्षदों में अपनी ही पार्टी के प्रधान के खिलाफ बगावत के सुर अपना लिए और प्रधान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा। एक अगस्त 2018 को हुई बैठक में 31 में से 22 पार्षदों ने प्रधान के खिलाफ वोट किया और प्रधान को पद से हटा दिया। इसके बाद प्रधान ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर स्टे हासिल कर लिया। सिरसा नगर परिषद के इतिहास में पहली बार हुआ कि प्रधान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया। स्टे खारिज होने के बाद शुरू हुआ बैठकों का दौर
हाई कोर्ट में सुबह ही इस मामले की सुनवाई हुई। याचिका खारिज होने की सूचनाएं सोशल मीडिया पर वायरल हो गई जिसके बाद पार्षदों ने भी बैठकें करनी शुरू कर दी। वहीं नगर परिषद कार्यालय में भी दिन भर फैसले की सुगबुगाहट रही। राजनैतिक पार्टियां पहले भी पार्षदों को अपने पाले में लेने के प्रयास शुरू कर चुकी है। वर्तमान में सिरसा के विधायक गोपाल कांडा राज्य की भाजपा सरकार को समर्थन दे रहे है। नगर परिषद में भाजपा समर्थित 15 पार्षद हैं, हलोपा के छह, कांग्रेस के पांच, तीन निर्दलीय, इनेलो के दो पार्षद हैं। 17 महीनों से कांग्रेस समर्थित रणधीर सिंह हैं कार्यकारी प्रधान
वर्तमान में परिषद के उपप्रधान रणधीर सिंह कार्यकारी प्रधान के रूप में कामकाज देख रहे है। कांग्रेस समर्थित रणधीर सिंह नगर परिषद के उपाध्यक्ष है। उन्हें 9 अगस्त 2018 को कार्यकारी प्रधान नियुक्त किया गया था। एक साल व पांच महीने से वे ही प्रधान पद पर काबिज है। उनकी अगुवाई में सभी कार्य सामान्य रूप से चले हैं।
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परिषद को आदेशों की कापी मिलने का इंतजार हाई कोर्ट द्वारा शीला सहगल की याचिका पर पहले चुनाव करवाए जाने पर रोक लगी हुई थी लेकिन शुक्रवार को उनकी याचिका खारिज होने के बाद अब प्रशासन को दोबारा से चेयरपर्सन का चुनाव करवाना है। परिषद के अधिकारी कोर्ट के आदेशों की कापी आने का इंतजार कर रहे हैं। इसके बाद कोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए आगामी कार्रवाई के लिए उपायुक्त को लिखा जाएगा और फिर उपायुक्त हाउस की बैठक बुलाने के आदेश जारी करेंगे। हाउस की बैठक में ही चेयरपर्सन का चुनाव होगा। आदेशों की प्रति मिलने के हाईकोर्ट आदेशों का हवाला देते हुए जिला प्रशासन को आगामी कार्रवाई के लिए लिखा जाएगा। इसके बाद उपायुक्त नगर परिषद के हाउस की बैठक बुलाने की तिथि तय करेंगे और फिर हाउस की बैठक में चेयरपर्सन का चुनाव होगा। गोबिद कांडा ने किया स्वागत
हलोपा नेता गोबिद कांडा ने अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि अब नगर परिषद को नया प्रधान मिलेगा साथ ही नगर के विकास कार्यों को गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रधान की विकास की सोच ही नहीं थी। पार्षदों के सुझाव की अनदेखी की जाती रही। उन्होंने कहा कि नए प्रधान के चयन के बाद रुके हुए विकास कार्यों को पूरा करवाया जाएगा।